अचानक कब्र से आने लगी बच्चे के रोने की आवाज, फिर सामने आई डॉक्टर की करतूत
पटना। बिहार के गोपालगंज के सदर अस्पताल में डॉक्टरों की बड़ी लापरवाही सामने आई है। इस लापरवाही के कारण एक नवजात की जान जाते-जाते बची। परिजनों ने इस लापरवाही को लेकर हंगामा किया और लापरवाही करने वाले डॉक्टर पर कड़ा एक्शन लेने की मांग की। यह लापरवाही साधारण नहीं थी। इधर डॉक्टर इस मामले में एक अलग ही कहानी सुना रहे हैं।
बताया जा रहा है की जिले के थावे पिठौरी गांव के रहने वाले नीरज प्रसाद ने अपनी गर्भवती पत्नी दिव्या देवी को मंगलवार को लेबर पेन होने पर सदर अस्पताल में भर्ती कराया था। जिसके बाद यहां के डॉक्टरों ने इलाज किया और प्रसव भी कराया। एक बच्चे ने जन्म लिया। लेकिन बच्चे की हालत खराब होने लगी जिसके बाद अस्पताल के एसएनएसयू वार्ड में भर्ती कराया गया।
डॉक्टरों ने इलाज शुरू किया। बुधवार सुबह ड्यूटी पर मौजूद चिकित्सक डॉ कृष्णा कुमार ने नवजात बच्चे को मृत घोषित कर दिया। बच्चे को मृत घोषित करने के बाद परिजन उसे दफन करने के लिए ले गए। जब कब्र में रखकर उस पर मिट्टी डाली जाने लगी तो अचानक बच्चे की रोने की आवाज आने लगी। बच्चा जिंदा था।
परिजनों से उसे कब्र से निकाला और आनन-फानन अस्पताल की तरफ भागे। उसका इलाज फिर से शुरू हुआ। लेकिन इलाज में देरी होने के कारण उसे बचाया नहीं जा सका। इसके बाद परिजन उग्र हो गए। उनका कहना था कि बच्चे में जान थी इसके बावजूद डॉक्टरों ने उसे मरा हुआ घोषित कर दिया।
परिजन उस समय ड्यूटी पर मौजूद लापरवाह चिकित्सक डॉ कृष्णा कुमार के खिलाफ कारवाई की मांग करने लगे। वही हंगामा कर रहे आक्रोशित बच्चो के परिजनों को समझाने पहुंचे सीएस डॉ अशोक कुमार चौधरी को भी लोगों के आक्रोश का सामना करना पड़ा।
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