चार मुद्दे जिससे बढ़ सकती है नीतीश सरकार की मुश्किलें, विपक्ष को मिल सकता है सियासी फ़ायदा
बिहार विधानमंडल का मानसून सत्र शुक्रवार से शुरुआत हो गई है। 30 जून तक चलने वाले सत्र में सिर्फ़ पांच बैठकें ही होंगी।
पटना, 25 जून 2022। बिहार विधानमंडल का मानसून सत्र शुक्रवार से शुरुआत हो गई है। 30 जून तक चलने वाले सत्र में सिर्फ़ पांच बैठकें ही होंगी। मॉनसून सत्र के शुरुआत में ही अग्निपथ योजना के ख़िलाफ़ विपक्ष ने ज़ोरदार हंगामा किया। वहीं बाद सदन की कार्यवाही शोक प्रस्ताव के स्थगित कर दी गयी। इस बार के सत्र में विपक्ष चार मुद्दों पर नीतीश को घेर सकता है। अग्निपथ योजना, बेरोज़गारी, प्रदेश में बिगड़ रही क़ानून व्यवस्था और एनडीए गठबंधन के साथी भाजपा द्वारा उठाया बिहार की शिक्षा व्यवस्था पर पुनर्विचार के मुद्दे पर नीतीश सरकार मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
नीतीश सरकार की बढ़ सकती है मुश्किलें
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में रोज़गार का मुद्दा सभी राजनीतिक पार्टियों के लिए अहम था। वहीं एनडीए गठबंधन ने भी घोषणा की थी कि सरकार बनने पर 19 लाख युवाओं को रोज़गार मिलेगा। वहीं अब विपक्ष ने इस मुद्दे पर नीतीश सरकार को घेरना शुरू कर दिया है कि सरकार बनने के दो साल बाद भी युवाओं को रोज़गार नहीं मिल पाया है। मानसून सत्र में विपक्ष राज्य में बढ़ते अपराध को लेकर भी सरकार को घेर सकती है क्योंकि इन दिनों बिहार में दिन दहाड़े बैंक में डकैती, हत्या और दुष्कर्म की घटनाएं बढ़ गई हैं। सरकार की तरफ़ अपराधियों पर नकेल कसने के लिए ठोस क़दम नहीं उठाए जा रहे हैं।
एनडीए गठबंधन में भी सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है
अग्निपथ योजना को लेकर नीतीश सरकार के स्टैंड पर भी विपक्ष सरकार को घेर सकती है। केंद्र सरकार से जदयू इस मसले पर पुनर्विचार करने की मांग कर रही है। क्योंकि भाजपा को छोड़ कर बिहार की सभी राजनीतिक पार्टियां अग्निपथ योजना पर पुनर्विचार की मांग कर चुकी हैं। बिहार में कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल में बढ़ती दूरी की वजह से इस बार विपक्ष कमज़ोर पड़ सकता है लेकिन राजद ने सरकार को घेरने की रणनीति तैयार करनी शुरू कर दी है। एनडीए गठबंधन में भी सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। जदयू और भाजपा के नेता एक दूसरे पर बयानबाज़ी कर अपनी ही सरकार की मुश्किलें बढ़ाते हुए दिख रहे हैं।
जदयू के खिलाफ़ बिहार भाजपा अध्यक्ष ने की बयानबाज़ी
बिहार भाजपा अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने जदयू के खिलाफ़ बयानबाज़ी कर विपक्ष को और मौक़ा दे दिया है। संजय जायसवाल ने कहा कि जदयू अग्निपथ योजना पर पुनर्विचार की बात करती है। जबकि जदयू के पास बिहार में शिक्षा विभाग है तो उसे शिक्षा व्यवस्था पर पुनर्विचार करना चाहिए कि ग्रैजुएशन तीन साल में हो। 2019 में नामांकन भरने वाला छात्र 2022 में पार्ट 2 का परीक्षा दे रहा है। बिहार में 22 साल की उम्र में छात्र ग्रैजुएशन नहीं कर पा रहे हैं। जदयू को इन मुद्दों पर पुनर्विचार करना चाहिए। मानसून सत्र में इन मुद्दों पर विपक्ष नीतीश सरकार को घेरते हुए नज़र आ सकती है।