उदय नारायण चौधरी ने पीएम और सीएम को लिया आड़े हाथ, कहा- कोरोना वायरस के नाम पर छात्र-छात्राओं को डराया जा रहा है
गया। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी के तेवर तल्ख नजर आए। कोरोना के बढ़ते मामले को लेकर केंद्र और राज्य सरकार को आड़े हाथों ले लिया। केंद्रीय गृह मंत्री के साथ-साथ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर कई सवाल दाग दिये। गया के सर्किट हाउस में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने मीडिया को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि पूरा राज्य त्राहिमाम-त्राहिमाम कर रहा है। बिहार में लॉ एंड ऑर्डर नाम की कोई चीज नहीं रह गई है। दिनदहाड़े लूट-डकैती व अपहरण की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं और सरकार इस पर चुप्पी साधे हुए है।
उन्होंने किसानों और मजदूरों के मुद्दे पर कहा कि सरकार ने अनाज के उत्पादन पर डेढ़ गुना कीमत देने का वादा किया लेकिन आज सरकार की नीतियों के चलते कृषि बिल लागू कर किसानों को आत्महत्या के लिए मजबूर किया जा रहा है। बहुत सारे किसानों के अनाज को पैक्स के जरिये खरीदा गया था उसका आज तक पैसा नहीं मिला है और जब किसान दिल्ली में आंदोलन करते हैं तो उनके साथ दुर्व्यवहार किया जाता है।
इसके अलावा पूर्व विधानसभा स्पीकर उदय नारायण चौधरी ने कहा कि कोरोना वायरस के नाम पर छात्र-छात्राओं को डराने का काम किया जा रहा है। हैदराबाद के पंचायत चुनाव में प्रचार करने के लिए पीएम व गृह मंत्री वहां जाते हैं तो कोरोना नहीं फैलता है। लेकिन जब ये छात्र-छात्राएं पढ़ने के लिए कोचिंग जाते हैं तो कोरोना का हवाला देकर रोका जा रहा है। पूरे एक साल कोरोना के नाम पर छात्रों का भविष्य बर्बाद कर दिया गया है।
साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि एक तो विद्यालय में पर्याप्त संख्या में शिक्षक नहीं हैं और बिहार के सुशासन बाबू नीतीश कुमार कहते हैं कि शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाया है। एक भी हाई स्कूल में उसके मानक के मुताबिक सुविधा उपलब्ध नहीं हैं। अपने बच्चों को भविष्य के लिए गार्जियन भी मजबूर हैं, लेकिन सरकार कोविड 19 नाम पर छात्रों को पढ़ाना नहीं चाहती है।
साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना के नाम पर जो भी कानून बनाई जा रही है वह जन विरोधी कानून है। जब छात्र पढ़ेंगे ही नहीं तो आखिर परीक्षा में क्या लिखेंगे।
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