VIDEO: बिहार में बाढ़ है...और तस्वीरें बयां कर रही हैं दर्द
लाचार बाढ़ पीड़ित पिता की वो तस्वीर जिसमें वो अपने पुत्र को दफनाने के लिए दो गज जमीन ढूंढने में लाचार हुआ तो उसे मजबूरन अपने बच्चे के शव को नदी में ही बहाना पड़ा।
पटना। उत्तर बिहार पूरी तरह बाढ़ की चपेट में आ चुका है। लोग इधर-उधर भागकर अपनी जान बचाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन बिहार में आई बाढ़ की ये भयानक त्रास्दी में कुछ ऐसी तस्वीरें सामने आई हैं जिसने लोगों के मन को झकझोरकर रख दिया है। सभी यही कहते नजर आ रहे हैं कि भगवान ऐसा दिन भी दुश्मन को नहीं दिखाए जब मां-बाप बच्चे एक-एक रोटी के लिए तरस रहे हों और लाख कोशिश करने के बाद भी उन्हें रोटी नहीं मिलती हो। चारों तरफ हाहाकार में अगर किसी की तबियत खराब हो जाए तो आप सोच सकते हैं उसे अस्पताल ले जाने के लिए उनके परिजनों पर क्या बीतती होगी। वहीं अगर किसी की मौत हो गई तो उसे जलाने या दफनाने के लिए 2 गज जमीन भी नसीब नहीं होती।
तो हम आपको दिखाने जा रहे हैं बाढ़ पीड़ित लोगों की वो मजबूरी जिसने वाकई सोचने पर मजबूर कर दिया कि ऐसा दिन दुश्मनों को भी नसीब ना हो, किस तरह बीमार को अस्पताल ले जाया जाता है और मौत के बाद जिगर के टुकड़े को पानी में ही बहा दिया जाता है। सबसे पहले हम आपको दिखा रहे हैं एक ऐसे लाचार बाढ़ पीड़ित पिता की वो तस्वीर जिसमें वो अपने पुत्र को दफनाने के लिए दो गज जमीन ढूंढने में लाचार हुआ तो उसे मजबूरन अपने बच्चे के शव को नदी में ही बहाना पड़ा। अपने बच्चे का अंतिम संस्कार किए बगैर उसे पानी में बहाते हुए उस पिता ने बस एक ही बात कही कि प्रकृति के आगे सारा तंत्र फेल है। मुझे माफ करना मेरे जिगर के टुकड़े मैं भी मजबूर हूं।
दूसरी तस्वीर बिहार के किशनगंज की है जिसे देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि बीमार पड़े लोगों को किस तरह इलाज के लिए ले जाया जा रहा है। तस्वीर बिहार के किशनगंज के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र की है जहां अचानक कुछ युवकों की तबियत खराब हो जाती है। जिसे डंडे से बांधकर लोग उचित इलाज के लिए अस्पताल ले जाने की कोशिश करते हैं। वहीं भयानक बाढ़ की चपेट में फंसे ये लोग अस्पताल तक नहीं पहुंच पाते हैं और रास्ते में ही बीमार युवक अपना दम तोड़ देता है फिर उसकी लाशों पर आंसू बहाते हुए उसकी अंतिम संस्कार की चिंता सताने लगती है।
तीसरी तस्वीर बिहार के पूर्णिंया जिले की है जहां बाढ़ पीड़ितों ने झोपड़ी बनाई है। आप तस्वीर देखकर अंदाजा लगा सकते हैं कि उस झोपड़ी पर पूरे परिवार के साथ बैठा हुए इस परिवार की हालत क्या है। चारों तरफ घनघोर पानी की चपेट में घिरी ये झोपड़ी कभी भी बाढ़ में ढ़ह सकती है और उस पर सवार सभी लोगों की जानें जा सकती हैं। जान बचाने की मजबूरी ऐसी है कि लोग जानकर भी मौत से अनजान बन रहे हैं। वहीं पांचवी तस्वीर बिहार के सीतामढ़ी जिले की है जहां भयानक बाढ़ की चपेट में आने के कारण पिछले दो दिनों से लोगों को एक निवाला भी नसीब नहीं हुआ। जब उनके सामने सरकार के द्वारा भेजे गए भोजन मिले तो देखिए कैसे लोग अपनी भूख मिटाने के लिए दौड़ पड़े। अपनी भूख मिटाने के लिए लोग इस तरह दौड़ रहे हैं कि बड़े, बच्चे, बूढ़े किसी को कोई ख्याल नहीं है और भी कई दिल को झकझोर देने वाली तस्वीर सामने आई है। जिसे देखने के बाद ये अंदाजा लगा सकते हैं कि वाकई बाढ़ में फंसे लोगों की जिंदगी भयावह है।
वहीं कई जगहों से बाढ़ पीड़ित लोगों को सरकार के द्वारा दी जाने वाली सुविधा राशि का विरोध किया गया है। लोगों ने आरोप लगाया है कि सरकार हम लोगों को भूख मिटाने के लिए मात्र दो बोरी चूड़ा देती है जिसे ना तो हम खा पाते हैं और ना ही हमारे बच्चे। हालांकि सरकार के द्वारा बाढ़ पीड़ित लोगों को सहायता पहुंचाने का अभियान तेज कर दिया गया है। वहीं मिलिट्री, एनडीआरएफ की टीम के साथ-साथ नजदीकी पुलिस मौके पर पहुंचकर बाढ़ पीड़ित लोगों की मदद कर रही है और उन्हें राहत पहुंचाने का काम कर रही है। वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी हवाई यात्रा कर लोगों का जायजा ले रहे हैं। अब तक बाढ़ के चपेट में आने से 75 लोगों की मौत हो चुकी है तो दर्जनों लापता हैं।
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