बिहार न्यूज़ के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
Oneindia App Download

Flashback 2020: बिहार में महामारी के बीच गुजरे चुनावी साल के वो बड़े विवाद, जो चर्चा में रहे

Google Oneindia News

पटना। साल 2020 खत्म को होने है। इस दौरान पूरे साल पूरी दुनिया महामारी से जूझ रही है। इसी बीच कई राजनीतिक उठापटक के साथ-साथ कई ऐसे मुद्दे सामने आये, जिससे हर कोई हैरान था। चाहे वो बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत हो या फिर बिहार में राजनीतिक उतार-चढ़ाव। इसी कड़ी मे हम आपको बताने जा रहे हैं बिहार के उन तमाम विवादों के बारे में जो इस साल काफी अहम रहे।

प्रशांत किशोर और पवन वर्मा पार्टी से हुए बाहर

प्रशांत किशोर और पवन वर्मा पार्टी से हुए बाहर

पार्टी लाइन से बाहर जाकर बयान देने पर पवन वर्मा औप प्रशांत किशोर को जदयू ने इसी वर्ष 30 जनवरी को बाहर निकाल दिया। दोनों पर जदयू ने कार्रवाई करते हुए दोनों को बर्खास्त कर पार्टी की सभी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया। दरअसल, सीएए, एनआरसी और दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा के साथ गठबंधन को लेकर प्रशांत किशोर और पवन वर्मा पार्टी लाइन से बाहर जाकर बयान दे रहे थे, जिसके चलते पार्टी ने दोनों नेताओं पर बड़ी कार्रवाई की थी। वहीं प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर जदयू राष्ट्रीय अध्यक्ष और सीएम नीतीश कुमार को थैंक्स कहा था।

जेडी वीमेंस कॉलेज में बुर्का पर विवाद

जेडी वीमेंस कॉलेज में बुर्का पर विवाद

जेडी वीमेंस कॉलेज में कॉलेज प्रशासन ने ड्रेस कोड के लेकर नया नियम लागू किया था। इस नए नियम के मुताबिक सभी छात्राओं को तय ड्रेस में ही कॉलेज आना था। इस नए आदेश के मुताबिक केवल शनिवार को ही छात्राओं को अलग ड्रेस पहनने की अनुमति थी। हालांकि इस दिन भी वे बुर्का नहीं पहन सकती थी। यही नहीं इन नियमों के उल्लंघन पर ढाई सौ रुपये के जुर्माने का भी प्रावधान था।

हालांकि इस नए नियम पर बवाल मचने के बाद 24 घंटे के भीतर ही कॉलेज प्रशासन ने अपने आदेश को वापस ले लिया। कॉलेज के नए नियमों पर छात्राओं ने आपत्ति जताई थी। उनका कहना था कि बुर्के से कॉलेज को क्या समस्या हो सकती है। ये नियम थोपने वाली बात है।

कुर्सी पर बैठकर धरना देना तेजस्वी को पड़ा भारी

कुर्सी पर बैठकर धरना देना तेजस्वी को पड़ा भारी

बीते 5 दिसंबर को नेता प्रतिपक्ष ने किसानों के सामर्थन में पटना स्थित गांधी मैदान में धरना प्रदर्शन का ऐलान किया था। हालांकि प्रशासन की अनुमति नहीं मिलने पर गांधी मैदान के गेट नंबर 4 पर ही महागठबंधन दल के नेताओं और समर्थकों के साथ धरना देने लगे। इस दौरान राजद नेता तेजस्वी यादव कुर्सी पर बैठे हुए नजर आए, जिसको लेकर विपक्ष ने उन्हें आड़े हाथों ले लिया।

जदयू नेता नीरज सिंह ने कहा कि विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव एक खास सामाजिक समूह के प्रति अपने नजरिये में बदलाव नहीं ला सकते हैं। उन्होंने गांधी मैदान में आयोजित राजद के धरने का जिक्र करते हुए कहा कि धरना के दौरान तेजस्वी यादव कुर्सी पर और प्रदेश राजद अध्यक्ष जगदानंद नीचे बैठे हुए हैं।

नीरज कुमार ने ट्वीट कर कहा कि पिता तुल्य जगदा बाबू को अपने कदमों के नीचे बैठाना, यही तो आपका पारिवारिक संस्कार है। सहयोगी दलों के उम्र में बड़े नेता डॉ. मदन मोहन झा और अजित शर्मा जी को जमीन पर बिठाकर आपने अहंकार की सीमा पार कर दी।

कथित तौर पर लालू प्रसाद का ऑडियो वायरल

कथित तौर पर लालू प्रसाद का ऑडियो वायरल

बिहार विधानसभा के स्पीकर पद के चुनाव के दौरान उस वक्त विवाद हो गया। जब भाजपा विधायक ललन पासवान ने आरोप लगाया कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने फोन कर विपक्ष के उम्मीदवार को समर्थन के लिए प्रलोभन दिया। हालांकि ये मामला तब खुला जब फोन नंबर के साथ पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट किया। इस मामले में भाजपा विधायक ने लालू प्रसाद यादव के खिलाफ थाने में शिकायत भी की। वहीं राजद ने इस कथित ऑडियो को फर्जी बताया था। वहीं हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने बी लालू प्रसाद यादव पर प्रलोभन देने का आरोप लगाया था।

डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे को नहीं मिला था टिकट

डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे को नहीं मिला था टिकट

बिहार की राजनीति में एंट्री लेने के लिए पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने पहले पद से इस्तीफा दिया फिर नीतीश कुमार की मौजूदगी में उन्होंने जदयू का दामन थाम लिया। इस दौरान सभी इस बात की अटकलें लगा रहे थे कि गुप्तेश्वर पांडेय को विधानसभा चुनाव में टिकट मिलेगा। लेकिन भाजपा के खाते में सीट चले जाने पर गुप्तेश्वर पांडेय के सपनों पर पानी फेर गया।

दरअसल, गुप्तेश्वर पांडे बक्सर या उससे सटे ब्रह्मपुर से टिकट चाहते थे लेकिन दोनों ही सीटें भाजपा के खाते में चली गई। बता दें कि इससे पूर्व भी साल 2009 में लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए गुप्तेश्वर पांडे ने वीआरएस लिया था। उस वक्त भी उन्हें टिकट नहीं मिला पाया था और बाद में उन्होंने वीआरएस का आवेदन वापस ले लिया था।

सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मुद्दे पर अपने विवादों की वजह से तत्कालीन डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे काफी चर्चा में रहे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की आलोचना करने पर रिया को औकात बताने वाले बयान पर उनको सफाई देनी पड़ी थी।

सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद बिहार में बवाल

सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद बिहार में बवाल

बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद पूरे देश में हंगामा हो गया। खासतौर पर बिहार में जमकर बवाल हुआ। कहीं सड़कों पर मुंबई पुलिस का विरोध हुआ तो कहीं बड़े-बड़े बॉलीवुड सितारों के खिलाफ बी जमकर प्रदर्शन हुआ। इस मामले में बिहार के नेताओं ने भी जमकर आरोप लगाया।

वहीं जांच के लिए मुंबई पहुंची बिहार पुलिस के साथ भी दुर्व्यवहार करने का आरोप लगा। इन सबमें लोग दो फाड़ में नजर आने लगे थे। कई नेताओं ने मुंबई पुलिस पर मामला दबाने और दोषियों को बचाने का भी आरोप लगाया। सुशांत के मौत के मामले में सीएम नीतीश कुमार ने इस मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश की थी।

पिता की तस्वीर के सामने चिराग का वीडियो वायरल

पिता की तस्वीर के सामने चिराग का वीडियो वायरल

लोक जनशक्ति पार्टी अध्यक्ष चिराग पासवान का अपने पिता रामविलास पासवान की तस्वीर के सामने शूटिंग के रिहर्सल का एक वीडियो लीक हो गया था। इसको लेकर बिहार में पहले चरण के चुनाव के एक दिन पहले खूब सियासी बवाल खड़ा हो गया। विरोधी पार्टियां चिराग पासवान पर शर्मनाक ड्रामेबाजी का आरोप लगा रही थीं। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा था, जिसके आधार पर दावा किया जा रहा था कि उसमें चिराग पासवान अपने पिता रामविलास पासवान को श्रद्धांजलि देने के लिए रिहर्सल करते नजर आ रहे हैं।

तेज प्रताप यादव ने रघुवंश बाबू को बताया था एक लोटा पानी

तेज प्रताप यादव ने रघुवंश बाबू को बताया था एक लोटा पानी

राष्ट्रीय जनता दल के कद्दावर नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा वापस लेने से इनकार कर दिया था। उनकी नाराजगी पर राजद नेता और लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव से पूछा गया तो उन्होंने रघुवंश प्रसाद सिंह की तुलना एक लोटा पानी से कर दी थी। उन्होंने कहा था कि राजद समंदर है, इसमें से एक लोटा जल निकल जाएगा तो क्या फर्क पड़ जाएगा।

AIMIM विधायक ने हिन्दुस्तान बोलने से किया था इनकार

AIMIM विधायक ने हिन्दुस्तान बोलने से किया था इनकार

बिहार में नई सरकार के गठन के बाद पहला विधानसभा सत्र शुरू हुआ था। पहले दिन विधानसभा में गहमागहमी का माहौल रहा था। ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के विधायक अखतरूल ईमान का शपथ पत्र पढ़ने को लेकर राजनीतिक बखेड़ा शुरू हो गया था। उन्होंने शपथ के दौरान हिंदुस्तान नहीं बोलकर भारत कहा और शपथ लेने से पहले आसन से संशोधन करने की बात कही थी।

असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM के विधायक अख्तरुल इमान ने शपथ ग्रहण के दौरान हिंदुस्तान शब्द पर आपत्ति जताई थी। अख्तरुल इमान उर्दू भाषा में शपथ ले रहे थे, लेकिन उन्होंने उर्दू में भारत की जगह हिंदुस्तान शब्द के इस्तेमाल पर विरोध जाहिर करते हुए प्रोटेम स्पीकर जीतन राम मांझी से भारत शब्द का इस्तेमाल करने की मांग की थी।

लड़की को जिंदा जलाने के मामले में पुलिस की हुई किरकिरी

लड़की को जिंदा जलाने के मामले में पुलिस की हुई किरकिरी

बिहार के वैशाली जिले में छेड़खानी का विरोध करने पर जिंदा जलाई गई 20 साल की युवती ने पटना के पीएमसीएच में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था। इस युवती पर आरोपियों ने कैरोसिन तेल डालकर उसे जिंदा आग के हवाले कर दिया था। युवती की मौत के बाद 15 नवंबर को पटना के कारगिल चौक पर परिजनों ने दो आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर प्रदर्शन किया था। चुनाव के दौरान 30 अक्टूबर को हुई इस वारदात पर पुलिस की खामोशी पर सवाल उठ रहे थे। पीएमसीएच में युवती की मौत के बाद जब परिजन कारगिल चौक पर आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर प्रदर्शन पर उतरे तब जाकर इस बड़ी घटना के बारे में पता चला था।

Flashback 2020: भारतीय राजनीति के वे बड़े नेता जिन्होंने 2020 में बदल लिया पालाFlashback 2020: भारतीय राजनीति के वे बड़े नेता जिन्होंने 2020 में बदल लिया पाला

Comments
English summary
flashback 2020 major controversies happened in Bihar
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X