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FLASHBACK 2015: जब लालू ने हेलीकॉप्टर में खैनी ठोकी, बुजुर्गों को मंच पर बिठाकर बांधा समां

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FLASHBACK 2015: जब लालू ने हेलीकॉप्टर में खैनी ठोकी

2020 के चुनाव में राजद को लालू यादव की कमी सिद्दत से महसूस हो रही है। लालू यादव जैसा भीड़ जुटाऊ नेता अब राजद में कोई नहीं। उनकी सभा में लोग ऐसे खिंचे चले आते थे जैसे कि वे सम्मोहन के डोर में बंधे हों। लालू यादव की चुनाव प्रचार शैली बहुत निराली होती थी। 2015 में उन्होंने अपने दिलकश अंदाज से चुनावी बाजी को महागठबंधन के हक में पलट दिया था। लालू यादव भीड़ के मनोविज्ञान को समझने वाले सबसे कामयाब नेता रहे हैं। अब सजायाफ्ता होने के कारण वे जेल (इलाजरत) में हैं। उनके बिना बिहार की चुनावी फिजां बिल्कुल फीकी लग रही है। पेश है 2015 के लालू ब्रांड चुनावी रैली की एक दिलचस्प झांकी।

खैनी खा कर ताल ठोकते लालू

खैनी खा कर ताल ठोकते लालू

अक्टूबर 2015, पटना। लालू यादव के लिए पटना एयरपोर्ट के स्टेट हैंगर पर एक हेलीकॉप्टर तैयार है। लालू यादव को पूर्वी चम्पारण में चुनाव प्रचार के लिए निकलना है। वे हेलीकॉप्टर में सवार होते हैं। जैसे ही होलीकॉप्टर स्टार्ट होता है लालू हथेलियों पर खैनी रगड़ने लगते हैं। फिर चुटकियों में खैनी उठा कर होठों में दबा लेते हैं। फिर थोड़ा मुस्कुरा कर हथेलियों को ऐसे झाड़ते हैं जैसे उन्हें विरोधियों की कोई चिंता ही न हो। सब कुछ ऑन कैमरा होता है। लालू यादव खैनी खा कर लोगों को यह दिखाना चाहते हैं कि वे भी उनकी तरह गंवई अंदाज में जीते हैं। गांव में खैनी एक दूसरे से मेलजोल बढ़ाने का बहुत बड़ा जरिया है। नशा होते हुए भी खैनी अपनेपन की निशानी है। आम तौर पर लालू सार्वजनिक रूप से खैनी नहीं खाते लेकिन चुनावी सभा के पहले ऐसा कर के उन्होंने लोकलुभावन चाल दी। लालू ने अपने चुनावी टोटके के लिए एक तरह से मीडिया का इस्तेमाल किया। हेलीकॉप्टर उड़ान भर के पूर्वी चम्पारण के चिरैया पहुंचता है। वहां पहले से भीड़ जमा है। लालू यादव हेलीकॉप्टर से उतर कर बैरिकेटिंग की तरफ बढ़ते हैं। वे कुछ लोगों से हाथ मिलाते हैं तो किसी के गले में माला फेंक देते हैं। भीड़ नारा लगाने लगती है- जीतेगा भाई जीतेगा, लालू यादव जीतेगा...

मंच पर कुर्सी का खेल

मंच पर कुर्सी का खेल

लालू यादव मंच पर पहुंचते हैं। खुद मंच की व्यवस्था देखते हैं। एक माइक से आवाज गूंज रही होती। उसे हटाने के लिए कहते हैं। लालू यादव का भाषण शुरू होता है। तभी लालू यादव की नजर एक जटाधारी महिला पर पड़ती है। उसे मंच पर बुलाते हैं। अपनी बगल वाली कुर्सी पर बैठाते हैं। उस महिला ने जटा का जूड़ा बना रखा है। लालू उसे माला पहनाने लगते हैं। फिर भोजपुरी में कहते हैं, कबो तोहरा के केहू कुर्सी प बइठवले रहे, हमहीं नूं तहरा के कुर्सी पर बइठनी ( कभी आपको किसी ने कुर्सी पर बैठाया था ? देखिए हम आज आपको कुर्सी पर बैठा दिये)। लालू फिर उस महिला से कहते हैं, का कहे के बा तोहरा ? महिला कुर्सी पर बैठे बैठे जोर से चिल्लती है - लालू जादो जीतेगा, लालू जादो जितेगा...। यह दृश्य देख कर भीड़ लालू यादव के समर्थन में नारे लगाने लगती है। उनका जोश देख कर लालू यादव के चेहरे पर एक मंद हंसी तैरती है। वे खुश हैं कि सब कुछ उनके मन के लायक हो रहा है। एक दूसरी सभा में जब लालू पहुंचते हैं तो लाठी लिये एक बुजुर्ग समर्थक को मंच पर बुला लेते हैं। बुजुर्ग मंच पर पहुंच कर लाठी खड़ा करते हैं तो उसे लालू यादव भी पकड़ लेते हैं। इस बीच वह समर्थक लाठी पकड़ कर जोर-जोर उछलने लगता है। लालू उसमें जोश भरते हैं तो वह और तेजी से उछलने लगता है। यह देख कर उपस्थित जनसमूह खुशी से चिल्लाने लगता है। हर तरफ शोर ही शोर। भीड़ लालू की मंत्रमोहिनी में बंध चुकी है। लोगों को मोहपाश में बांध कर लालू भी जोर से हंसते हैं।

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बिहारी कवनो मुरई हैं कि उखाड़ देब ?

बिहारी कवनो मुरई हैं कि उखाड़ देब ?

लालू यादव का हेलीकॉप्टर पूर्वी चम्पारण के ढाका पहुंचता है। कहते हैं, बताइय़े कि नरेनदर मोदी, डाइरेक्ट हमसे लड़ने के लिए बिहार पहुंच गये। उनका बिहार में क्या काम है ? फिर भोजपुरी में कहते हैं, बिहारी कवनो मुरई हवें कि उखाड़ देबs( बिहारी कोई मूली हैं कि उखाड़ दीजिएगा?) । मोदी को ऐसा फाइट देंगे की याद रखेंगे। तभी लालू यादव की नजर एक बुजुर्ग व्यक्ति पर पड़ती है। वह लालू से मिलना चाहता है लेकिन सिक्यूरिटी वाले उसे उसे रोक देते हैं। लालू इशारे से पुलिस वाले आने देने का इशारा करते हैं। वह बुजुर्ग आदमी मंच पर पहुंचता है लालू उसकी आगवानी करते हैं। एक कार्यकर्ता उस व्यक्ति को संभलता है। गांव-देहात का एक गरीब आदमी यह देख कर हैरान है। वह मंच पर बिछी दरी पर ही बैठ जाता है। भाषण दे रहे लालू यह देख कर वहीं से कहते हैं, ये क्या कुर्सी पर बैठाइए। उसके लिए कुर्सी आती है तो वह आदमी कुर्सी को प्रणाम करने लगता है। लालू भाषण छोड़ कर उसके नजदीक आते हैं। अपने पास जमा सभी माला को उसके सिर पर लाद देते हैं। यह देख भीड़ नारा लगाने लगती है, लालू यादव जिंदाबाद, लालू य़ादव जिंदाबाद...। भीड़ के उत्साह को बढ़ाने के लिए लालू कहते हैं, जोश बनाये रखिए, हम जीत रहे हैं। सचमुच 2015 में लालू जीत ही गये।

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English summary
FLASHBACK 2015: When Lalu yadav chew tobacco in a helicopter and offer to elders sitting on the stage
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