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सरकारी बालिका गृह में होता था 'गंदा खेल', रसूखदारों की महफिलों में वेटर बनाकर भेजी जाती थीं लड़कियां

By Ankur Kumar Srivastava
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मुजफ्फरपुर। बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में सरकार द्वारा संचालित बालिका गृह में रहने वाली लड़कियों के यौन शोषण और उनके साथ हिंसा का सनसनीखेज खुलासा हुआ है। यह खुलासा मुंबई की प्रतिष्ठित संस्था 'टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस' नें अपनी सोशल ऑडिट रिपोर्ट में किया। इस रिपोर्ट के बाद जिला प्रशासन में खलबली मची हुई है और बिहार की राजनीति गर्म हो गई है। मिली जानकारी के मुताबिक इस बालिका गृह से लड़कियों की सप्‍लाई होती थी। सूबे के रसूदखोरों के घर होने वाली महफिलों में इन लड़कियों को बतौर वेटर भेजा जाता था। खुलासे के बाद पता चला है कि यह बालिका गृह एक एनजीओ चलाता था जिसके मालिक का संपर्क एक राजनीतिक दल से भी है। इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट के आधार पर जिला बाल कल्याण संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक ने महिला थाने में बालिका गृह का संचालन करने वाले एनजीओ 'सेवा संकल्प और विकास समिति' के कर्ता-धर्ता और पदाधिकारियों पर केस दर्ज कराया है। विस्‍तार से जानिए सबकुछ

बड़े-बड़े प्रोजेक्‍ट्स के टेंडर लेने के लिए लड़कियों का इस्‍तेमाल होता था

बड़े-बड़े प्रोजेक्‍ट्स के टेंडर लेने के लिए लड़कियों का इस्‍तेमाल होता था

टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस ऑडिट रिपोर्ट में कहा गया है कि पटना से लेकर सभी शहरों में लड़कियां भेजी जाती थीं। खुलासे में ये भी पता चला है कि लड़कियों का इस्तेमाल टेंडर लेने में भी होता था। अब ऐसी आशंका जाहिर की जा रही है कि बड़े अधिकारी और राजनेता इस कार्रवाई में बेनकाब हो सकते हैं। इस मामले को अति गंभीर बताते हुए महिला आयोग की अध्यक्ष दिलमणि मिश्रा ने कहा है कि मैं खुद इस मामले की जांच करूंगी।

लड़कियों को आपत्तिजनक हालत में रखा जाता है

लड़कियों को आपत्तिजनक हालत में रखा जाता है

रिपोर्ट में कहा गया है कि लड़कियों को यहां बेहद आपत्तिजनक स्थिति में रखा जाता है। यहां रहने वाली कई बालिकाओं ने बताया कि उनके साथ हिंसा होती है। यौन शोषण किया जाता था। टीम ने तत्काल मामले की जांच व बालिका गृह के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की। इस रिपोर्ट से हड़कंप मच गया। निदेशक, समाज कल्याण विभाग ने तत्काल कार्रवाई का आदेश दिया। साथ ही सभी बालिकाओं को यहां से हटाकर दूसरी जगह रखने को कहा।

दूसरे बालिका गृह में शिफ्ट की गईं लड़कियां

दूसरे बालिका गृह में शिफ्ट की गईं लड़कियां

रिपोर्ट में टाटा संस्था ने ‘सेवा संकल्प और विकास समिति' के खिलाफ तत्काल कानूनी प्रक्रिया शुरू करने और गहन छानबीन के साथ करेक्टिव ऐक्शन लेने की सलाह दी है। निदेशक समाज कल्याण पटना के निर्देश पर मुजफ्फरपुर की बाल संरक्षण इकाई ने सभी लड़कियों को संस्था से मुक्त कराकर पटना और मधुबनी भेज दिया है। जानकारी के मुताबिक बालिका गृह में 87 बच्चियां थीं। यौन हिंसा का मामला सामने आने पर बाल संरक्षण इकाई ने बालिका गृह से 44 बच्चियां मधुबनी, मोकामा और पटना जिले भेजी।

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English summary
After a report highlighted instances of sexual exploitation at a home for girls in Muzaffarpur, the district administration has taken action and an FIR has been registered under POCSO.
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