निर्दलीय प्रत्याशी ने राज्यसभा उपचुनाव के लिए सुशील मोदी के खिलाफ नामांकन किया दाखिल
पटना। बिहार में राज्यसभा उचुनाव के लिए जहां महागठबंधन एनडीए के उम्मीदवार सुशील मोदी के खिलाफ प्रत्याशी नहीं उतार पा रहा है। वहीं एक निर्दलीय उम्मीदवार ने नामांकन दाखिल कर दिया है। राज्यसभा के उपचुनाव में सुशील मोदी के खिलाफ लड़ने वाला प्रत्याशी पेशे के तौर पर इंजीनियर है। निर्दलीय प्रत्याशी श्याम नंदन प्रसाद ने भी बुधवार को एक सेट में नामांकन दाखिल किया है। हालांकि नामांकन के लिए जरूरी 10 विधायकों का समर्थन वाला पत्र उन्होंने नहीं दिया है।
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श्याम नंदन प्रसाद बुधवार को करीब दोपहर में दो बजे पटना प्रमंडली आयुक्त के कार्यालय पहुंचे थे। एनडीए प्रत्याशी सुशाली मोदी के नामांकन दाखिल करने के बाद सभी अधिकारी अपने कार्यालय चले गए लेकिन जैसे ही उन्हें जानकारी मिली कि कोई प्रत्याशी नामांकन दाखिल करने आया है तो अधिकारियों को वापस बुलाया गया। नामांकन करने के बाद श्यामनंदन प्रसाद ने बताया कि वे पेशे से इंजीनियर हैं।
बता दें कि श्यामनंदन प्रसाद ने 2014 में पटना साहिब लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव भी लड़ा था। जब उनसे यह सवाल पूछा गया कि क्या आपको 10 विधायकों का समर्थन प्राप्त है तो उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि इस मामले को लेकर वे एनडीए और महागठबंधन के विधायकों से बात करेंगे और गुरुवार को विधायकों का समर्थन पत्र निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय में समर्पित करेंगे।
बता दें कि भाजपा नेता सुशील मोदी ने बुधवार को एनडीए के तरफ से राज्यसभा उपचुनाव के लिए नामांकन दाखिल किया। नामांकन दाखिल करने के बाद उन्होंने एनडीए के सभी घटक दलों के नेताओं को धन्यवाद कहा। नामांकन के दौरान सीएम नीतीश कुमार भी मौजूद रहे।
सुशील मोदी के बिहार छोड़ दिल्ली जाने का दर्द भी नीतीश कुमार का छलका। सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि सुशील मोदी ने बिहार को लेकर बहुत सेवा की है। हमलोगों के साथ बहुत दिनों तक काम किया है। लोकसभा का सदस्य रह चुके हैं। यह तो चारों सदनों के सदस्य रह चुके हैं। आगे पार्टी के निर्देश पर बिहार और देश की सेवा करेंगे। इनको और काम करने का मौका मिलेगा, यही उम्मीद हैं।
सुशील मोदी का साथ छुटने पर नीतीश कुमार ने कहा कि हमलोगों ने एक साथ काम किया था, हम लोगों की इच्छा सब जगजाहिर है, लेकिन हर पार्टी का फैसला होता है। एनडीए के चारों दलों ने उनका समर्थन किया है। केंद्र सरकार का लाभ हमेशा से बिहार को मिलता रहा है।
मैं भले ही बिहार सरकार का हिस्सा नहीं, पर आत्मा उसी में बसती है: सुशील मोदी