लॉकडाउन के चलते कैमूर फॉरेस्ट सैंक्चुरी में दिखा बाघ, पशु प्रेमियों में खुशी की लहर
सासाराम। कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए देशभर में लॉकडाउन का ऐलान किया गया है। इसके चलते सड़कों पर गाड़ियों और आम लोगों की आवाजाही ठप है, जिसके चलते प्रकृति की खूबसूरत तस्वीर देखने को मिल रही है। ताजा मामला बिहार के सासाराम का है, जहां कैमूर वन अभ्यारण्य के जंगल में ऑटोमेटिक ट्रैपिंग कैमरे में जंगल में घूम रहे एक बाघ की फोटो कैप्चर हुई है। इन तस्वीरों से वन विभाग और पशु प्रेमियों में खुशी की लहर दौड़ गई है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, ट्रैपिंग कैमरे में यह फोटो 26 तारीख को मिली थी जो करीब शाम 7 बजे के आसपास बताई जा रही है। बता दें कि पिछले साल के नवंबर महीने से ही कैमूर पहाड़ी के जंगलों में बाघ के होने के निशान मिलने लगे थे. वहीं, वन विभाग की टीम ने दुर्गावती जलाशय के पास भी बाघ होने की पुष्टि की थी। जब 2 पालतू मवेशियों पर उसने हमला किया था।
वहीं सासाराम के डीएफओ प्रदुमन गौरव का कहना है कि नवंबर और दिसंबर के महीने में बाघ के 'मल' शौच भी मिले थे। इसे जांच के लिए देहरादून स्थित वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट आफ इंडिया भेजा गया था जिसमें पुष्टि हुई थी कि यह 'मल' बाघ के ही हैं। अब ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि मध्य प्रदेश या छत्तीसगढ़ से भी बाघ इस जंगल में आ गए होंगे। लॉकडाउन की वजह से जंगलों में लोगों की आवाजाही पर पूरी तरह से रोक लगी हुई है. जिसके कारण जानवर आराम से जंगल में आसानी से घूम रहे हैं।
जंगल कि जिस जगह पर बाघ के यह निशान मिले हैं उसे लेकर फॉरेस्टर वाल्मीकि सिंह का कहना है कि पिछले कई महीनों से बाघ के आवाजाही की सूचना मिल रही थी, लेकिन लॉकडाउन के बाद जब पूरे इलाके में शांति छा गई। गाड़ियों की आवाजाही पर पूरी तरह से रोक लगा दिया गया। बता दें कि इससे पहले यूपी के नोएडा शहर में सड़क नीलगाय घूमती हुई नजर आई थी।
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