कोरोना महामारी बिहार में चुनाव टालने का आधार नहीं, इलेक्शन कमीशन तय करेगा सबकुछ: सुप्रीम कोर्ट
दिल्ली। बिहार में कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार के बीच चुनाव की तैयारी चल रही है। विरोधी दल चुनाव टालने के लिए मुहिम छेड़े हुए हैं वहीं चुनाव आयोग ने पहले से कहा है कि हर हाल में चुनाव होंगे। सुप्रीम कोर्ट ने भी यह कहा है कि कोरोना महामारी बिहार चुनाव को स्थगित करने का आधार नहीं हो सकती है। बिहार विधानसभा चुनाव पर रोक लगाने के लिए डाली गई जनहित याचिका को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोरोना वायरस की वजह से चुनाव नहीं टाले जा सकते हैं।
मुजफ्फरपुर के अवनीश ठाकुर की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में यह जनहित याचिका अधिवक्ता नीरज शेखर ने डाली थी। इसमें यह अपील की गई थी कि बाढ़ और कोरोना वायरस संक्रमण से मुक्त होने तक बिहार में चुनाव की अधिसूचना जारी न करने के निर्देश सुप्रीम कोर्ट चुनाव आयोग को दे। इस जनहित याचिका पर जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली बेंच में सुनवाई हुई। बेंच ने कहा कि भारत का चुनाव आयोग ही तय करेगा कि बिहार में कब चुनाव कराया जाय। कोविड 19 के आधार पर बिहार में चुनाव को नहीं टाला जा सकता और चुनाव आयोग की शक्तियों में भी हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता। बेंच ने यह भी कहा कि अभी अधिसूचना जारी भी नहीं की गई इसलिए याचिका प्रीमैच्योर है। बेंच ने कहा कि कोर्ट मुख्य चुनाव आयुक्त से यह नहीं कह सकता कि वह क्या करें, क्या न करें। इस बारे में सबकुछ वह ही तय करेंगे।
बेंच ने कहा कि जब अभी तक चुनाव के लिए अधिसूचना ही जारी नहीं हुई है तो चुनाव आयोग को कैसे चुनाव न कराने के बारे में कहा जा सकता है? बेंच ने यह भी जोड़ा कि महामारी काल में चुनाव आयोग जरूरी सावधानियां समेत बाकी सभी एहतियाती कदम उठाएगा। याचिकाकर्ता ने बेंच के सामने यह दलील दी कि बिहार में कोरोना वायरस के हालात के बारे में आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से रिपोर्ट कोर्ट मांग सकता है। इस पर बेंच ने कहा कि चुनाव आयोग ही हर परिस्थिति से निपटेगा इसलिए याचिका खारिज की जाती है।