बिहार में दबे पांव आयी कोरोना की मौत, मुंगेर से पटना तक फिक्रमंद हुए 70 लोग
पटना। बिहार में कोरोना की मौत बिल्कुल दबे पांव आयी। मुंगेर के जिस शख्स की कोरोना से मौत हुई उसकी वजह से करीब 70 लोगों की चिंता बढ़ गयी है। इस शख्स के परिजन तो मुसीबत में घिर ही गये हैं, इलाज करने वाले डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ भी बेहद डरे हुए हैं। मृत व्यक्ति की एक महिला संबंधी, एक बच्ची कोरोना पोजिटिव पायी गयी हैं। पटना के जिस नर्सिंग होम में उसका इलाज हुआ था उसके कर्मचारी पोजिटिव पाये गये हैं। इसके अलावा दो डॉक्टर और दो नर्संग स्टाफ को आइसोलेशन में रखा गया है। मृत व्यक्ति का शव जिस एम्बुलेंस में पटना से मुंगेर लाया गया था उसके ड्राइवर को भी तबीयत खराब बतायी जा रही है। वह भी आइसोलेशन में है और उसकी सघन जांच चल रही है। अभी तक वैसे 70 लोगों की पहचान की जा चुकी है जो मृत व्यक्ति के सम्पर्क में आये थे। इन 70 लोगों के स्वास्थ्य को लेकर चिंता बढ़ गयी है।
यूं आयी आफत
स्वास्थ्य मंत्रालय के गाइडलाइंस के मुताबिक कोरोना मृतकों की पहचान सार्वजनिक करने पर मनाही है। पूरे प्रकरण को समझने के लिए मुंगेर के कोरोना मृक का काल्पनिक नाम एबी रख लेते हैं। एबी मुंगेर के एक गांव में रहता था। वह पेशे से ड्राइवर था और अपने पिता के साथ कतर की राजधानी दोहा में जॉब करता था। 13 मार्च की एबी कतर से मुम्बई आया था। वहां से वह दिल्ली, पटना होते हुए मुंगेर पहुंचा था। दो दिनों तक वह बिल्कुल ठीक रहा। नाते-रिश्तेदारों और यार दोस्तों से मिला। अचानक 15 मार्च को उसकी तबीयत खराब हो गयी। उसे मुंगेर के नेशनल नर्सिंग होम में इलाज के लिए लाया गया। एबी पहले से किडनी का मरीज था। दस महीने पहले ही उसका इलाज मुंगेर के एक निजी अस्पताल में हुआ था। जब उसकी सेहत ठीक हुई तो वह कतर चला गया था। 15 मार्च को जब एबी मुंगेर के नर्सिंग होम में लाया गया तो उसे बेहतर इलाज के लिए पटना रेफर कर दिया गया।
पटना का शरणम अस्पताल
पटना आने के बाद एबी को पहले न्यू बाईपास इलाके के निजी नर्सिंग होम शरणम अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां उसका इलाज चला। शरणम अस्पताल में एबी के इलाज के दौरान कुल 13 लोग सम्पर्क में आये। इनमें डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ दोनों शामिल हैं। उस समय तक किसी को मालूम नहीं था कि एबी कोरोना पोडिटिव है। सब कुछ सामान्य तरीके से चलता रहा। इन 13 लोगों की जाचं करायी गयी थी। अब जांच रिपोर्ट में खुलास हुआ है कि शरणम अस्पताल के दो कर्मचारी कोरोना पोजिटिव हैं। इन दोनों कर्मचारियों के सम्पर्क में भी कई लोग आये हैं। अब ऐसे लोगों का पता लगाया जा रहा है।
पीएमसीएच के डॉक्टर भी आइसोलेशन में
एबी को बेहतर इलाज के लिए शरणम अस्पताल से पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल लाया गया था। एबी को पीएमसीएच में दाखिल करने की पर्ची कट गयी थी और उसने खुद एक डॉक्टर को अपनी पर्ची दिखायी थी। डॉक्टर ने एबी से पर्ची लेकर उसकी बीमारी के बारे में पूछताछ भी की थी। लेकिन उस दिन पीएमसीएच में बहुत भीड़ थी और कोई बेड खाली नहीं था इसलिए एबी को एम्स (पटना) जाने की सलाह दी गयी। अब कहा जा रहा है कि जिस डॉक्टर ने एबी से पर्ची लेकर उसकी सेहत के बारे में पूछताछ की था उसके भी संक्रमित होने का खतरा है। संबंधित डॉक्टर को आइसोलेशन में रखा गया है।
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एम्स में चूक
20 मार्च को एबी एम्स में भर्ती हुआ था। एम्स में उसने छाती में दर्द होने की शिकायत की थी। वह पहले से ही किडनी का मरीज था। पहले उसे सामान्य मरीज समझा गया। 21 मार्च शनिवार को उसका सैंपल जांच के लिए लेबोरेट्री भेजा गया था। इस बीच शनिवार की देर शाम उसकी मौत हो गयी। मौत के बाद उसका शव परिजनों को सौंप दिया गया। उसके परिजन शव लेकर मुंगेर पहुंच भी गये। इस बीच रविवार को जब जांच रिपोर्ट आयी तो पता चला कि एबी कोरोना पोजिटिव था। इसके बाद तो हड़कंप मच गया। एबी के परिजनों का आरोप है कि एम्स प्रशासन ने मौत की वजह किडनी फेल्योर बतायी थी। इसलिए वे शव को सामान्य तरीके से ही घर लेकर आये थे। उन्होंने एम्स प्रशासन पर कोताही का आरोप लगाया था। कोरोना संक्रमित एबी का शव असुरक्षित तरीके से मुंगर लाया गया। इसकी कीमत अब दो लोग चुका रहे हैं। एक महिला और एक बच्ची कोरोना पोजिटिव हो चुकी हैं। मुंगेर में एबी के सम्पर्क में आने वाले 59 लोगों को चिह्नित किया गया है। इन्हें आइसोलेशन में रखा गया है। ये हैरानी की बात है कि एबी को एम्स लाने के पहले तीन जगहों पर डॉक्टरों ने देखा लेकिन किसी ने उसके कोरोना पोजिटिव होने का अंदेशा नहीं जताया। इस चूक की कीमत अब पूरे बिहार को चुकानी पड़ रही है। एम्स में जिस नर्सिंग स्टाफ ने एबी की देखभाल की थी उनमें दो बेहद डरे हुए हैं। उन्हें क्वारेंटाइन में रखा गया है। मुंगेर से लेकर पटना तक उसके सम्पर्क में आने वाले 70 लोग अब अपनी सेहत को लेकर फिक्रमंद हो गये हैं।