बिहारः हर घर नल का जल योजना में डिप्टी सीएम की बढ़ी मुश्किलें, नीतीश कुमार ने मांगी सफाई
पटना। बिहार के डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही हैं। प्रदेश की महत्वकांक्षी योजनाओं में से एक हर घर नल का जल योजना में विपक्ष ने डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। हालांकि बीते गुरुवार को तारकिशोर प्रसाद ने लिखित में अपनी सफाई दी थी। वहीं अब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद से अपने ऊपर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों को स्पष्ट करने को कहा है। प्रसाद को अपना रुख स्पष्ट करने के लिए मुख्यमंत्री के 1 ऐनी मार्ग स्थित उनके सरकारी आवास पर पेश होने के लिए कहा गया था।
आईएएनएस के सूत्रों के मुताबिक सीएम नीतीश कुमार तारकिशोर प्रसाद से नाराज हैं, जो सात निश्चय योजना के तहत अपनी बहू सहित रिश्तेदारों को 58 करोड़ रुपये का ठेका देने में शामिल थे। नीतीश कुमार ने कथित तौर पर प्रसाद से एक सार्वजनिक मंच पर अपना रुख स्पष्ट करने को कहा। वह यह भी चाहते हैं कि भाजपा का शीर्ष नेतृत्व इस मामले का संज्ञान ले क्योंकि उनके डिप्टी के भ्रष्टाचार में कथित संलिप्तता के कारण राज्य सरकार को भारी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ रहा है।
Recommended Video
हर घर नल का जल योजना में लगे भ्रष्टाचार के आरोप पर डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद ने दी सफाई
इन आरोपों को लेकर उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि हर घर नल का जल योजना की सफलता से घबराकर विपक्ष अनर्गल विलाप कर रहा है। जिस कंपनी को टेंडर देने की बात की जा रही है उन कंपनियों और प्रतिष्ठानों में मेरे परिवार या ससुराल का कोई सदस्य शामिल नहीं है। कटिहार जिले के 4 वार्ड में सिर्फ चार स्कीम का काम मेरे परिवार की सदस्य पूजा कुमारी को मिला, जिसका कॉन्ट्रैक्ट सरकार के नियमानुसार पीडब्ल्यूडी कोड निविदा प्रक्रिया एवं नियमों के मिताबिक 2019 में किया गया है और संबंधित क्षेत्र में जलापूर्ति भी किया जा रहा है।
बता दें कि सीएम नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट नल जल योजना में डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद के साले, बहू व रिश्तेदारों पर योजना में ठेका लेने का आरोप लगाया गया है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इस मुद्दे को लेकर सीधे सीएम नीतीश कुमार को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश की थी। उन्होंने गुरुवार को एक प्रेस वार्ता कर सीएम नीतीश कुमार को डरपोक और कमजोर मुख्यमंत्री कहा था। इसके साथ ही तेजस्वी यादव ने कहा था कि उनकी हिम्मत नहीं है कि वह बीजेपी पर कार्रवाई कर सकें।