लालू के बेटे तेजस्वी और तेज प्रताप के चुनाव को कोर्ट में दी गई चुनौती, विपक्ष ने गिनाए आरोप
सुशील मोदी ने आरोप लगाया है कि तेज प्रताप ने चुनाव आयोग और बिहार सरकार से औरंगाबाद में खरीदी गई 53 लाख की 45 डिसमिल जमीन की जानकारी जानबूझकर छुपाई है।
पटना। विपक्ष के आरोपों की मार झेल रहे राजद परिवार की मुश्किलें दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। जहां विपक्ष हर दिन राजद परिवार के एक ना एक घोटाले का पर्दाफाश करने में लगी हुई है तो दूसरी तरफ बिहार के डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ हाईकोर्ट में चुनाव रद्द करने के लिए याचिका दायर की गई है।
पटना हाईकोर्ट के अधिवक्ता मणि भूषण प्रताप सेंगर ने लालू प्रसाद यादव के दोनों मंत्री बेटे तेजस्वी और तेज प्रताप के खिलाफ याचिका दायर करते हुए आरोप लगाया है कि इन दोनों ने अपनी संपत्ति को छिपाने की कोशिश की है। संपत्ति छिपाना अपराधिक काम है, चुनाव के वक्त शपथ पत्र दाखिल करते समय चुनाव आयोग को अपनी संपत्ति का ब्योरा देना होता है पर इन दोनों ने अपनी संपत्ति छुपाते हुए चुनाव आयोग को भी धोखा दिया है।
इस मामले पर चुनाव आयोग को स्वयं संज्ञान लेना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं किया गया। इसके लिए इन दोनों का चुनाव रद्द किया जाए। अधिवक्ता के द्वारा दायर की गई याचिका कि सुनवाई मुख्य न्यायधीश राजेंद्र मेमन की अध्यक्षता में की जाएगी। आपको बता दें कि लालू प्रसाद यादव के दोनों बेटों के खिलाफ बेनामी संपत्ति को छिपाने को लेकर पहले भी एक अन्य लोकहित याचिका दायर की जा चुकी है। उस याचिका में मिट्टी घोटाले की CBI जांच कराने की मांग की गई है। जनप्रतिनिधि कानून की धारा 125 (ए) के अंतर्गत ये स्पष्ट किया गया है कि चुनाव आयोग में शपथ पत्र दाखिल करते समय सही-सही जानकारी चुनाव आयोग को देना चाहिए। लेकिन इन दोनों ने अपनी संपत्ति की जानकारी छुपाते हुए चुनाव आयोग को धोखा दिया है और अपराधिक काम किया है, इसीलिए इनके खिलाफ अपराधिक और धोखाधड़ी दोनों का मुकदमा दर्ज होना चाहिए। साथ ही पिछले विधानसभा क्षेत्र 126 एवं 128 में हुए चुनाव को अवैध करार करने की मांग की गई है।
मंत्री को बर्खास्त करे सरकार, इन बातों को बताया आधार...
बिहार सरकार की मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने सीएम नीतीश कुमार से शिकायत कर बिहार के स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव को हेराफेरी करने के आरोप में बर्खास्त करने की मांग की है। सुशील मोदी ने आरोप लगाया है कि तेज प्रताप ने चुनाव आयोग और बिहार सरकार से औरंगाबाद में खरीदी गई 53 लाख की 45 डिसमिल जमीन की जानकारी जानबूझकर छुपाई है। इसके लिए सरकार उनके खिलाफ अपराधिक मामला दर्ज करते हुए उचित कानूनी कार्रवाई करें। विपक्ष सरकार द्वारा इस तरह की मांग किए जाने के बाद बिहार की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है।
इन पॉइंट्स को बताया आधार....
तेज प्रताप यादव ने औरंगाबाद में 16 जनवरी 2010 को सात लोगों से 53 लाख 34 हजार रुपय में 45.24 डिसमिल जमीन की रजिस्ट्री कराई।
2 फरवरी, 2012 को जमीन को गिरवी रख मध्य बिहार ग्रामीण बैंक औरंगाबाद से 2 करोड़ 29 लाख 60 हजार कर्ज ले लिया।
फिलहाल इस जमीन पर लारा डिस्ट्रीब्यूटर प्राइवेट लिमिटेड का भवन बना हुआ है और इसमें Hero Honda मोटरसाइकिल का शोरूम है।
जबकि साल 2015 के विधानसभा चुनाव के दौरान दिए गए संपत्ति विवरण में संपत्ति का ब्योरा ही नहीं दिया गया।
2016 में बिहार सरकार को अपनी संपत्ति के संबंध में दिए गए ब्योरे में भी उन्होंने इस संपत्ति का उल्लेख नहीं किया।
सुशील मोदी ने कहा कि बार-बार जानबूझकर बेनामी संपत्ति को छुपाने का प्रयास किया गया है। ऐसे में तेज प्रताप यादव को मंत्री पद से तत्काल बर्खास्त करते हुए मुख्यमंत्री उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराएं।
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