जानिए अब किस नए केस में फंसे हैं लालू यादव और उनकी बेटी मीसा भारती, रेलवे की नौकरी से जुड़ा है मामला?
पटना, 20 मई: राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव फिलहाल चारा घोटाला मामले में जमानत पर बाहर हैं लेकिन उनकी मुश्किलें फिर से बढ़ गई हैं। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के खिलाफ एक नया मामला दर्ज किया है। इस मामले में लालू यादव अकेले नहीं फंसे हैं बल्कि उनकी बेटी मीसा भारती का भी इसमें नाम है। इस केस के तहत शुक्रवार (20 मई) सुबह लालू यादव, मीसा भारती और राबड़ी देवी से जुड़े 17 जगहों पर सीबीआई की छापेमारी चल रही है। दिल्ली और गोपालगंज समेत अन्य जगहों पर भी तलाशी ली गई। आइए जानें लालू यादव और उनकी बेटी मीसा भारती पर सीबीआई ने क्या मामला दर्ज किया है...?

रेलवे की नौकरी भर्तियों से जुड़ा है मामला
सीबीआई के अधिकारियों के मुताबिक लालू यादव के केंद्रीय रेल मंत्री रहने के दौरान हुई भर्तियों से जुड़े कथित भ्रष्टाचार से ये मामला जुड़ा है। हिन्दुस्तान टाइम्स में छपी रिपोर्ट के मुताबिक कुछ अधिकारियों ने कहा कि सीबीआई की छापेमारी 2004 और 2009 के बीच कथित रेलवे की नौकरियों की धोखाधड़ी से जुड़ी थी, जब लालू यादव केंद्रीय रेल मंत्री थे। उस वक्त मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार थी।

दावा: बदले में जमीन लेकर नौकरी देने का लालू पर लगा आरोप!
सूत्रों के अनुसार, प्रारंभिक जांच पूरी होने के बाद ही सीबीआई ने प्राथमिकी दर्ज की। सूत्रों ने संकेत दिया कि यह मामला उस समय का है जब मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार सत्ता में थी। सूत्रों ने कहा कि लालू यादव ने कथित तौर पर उम्मीदवारों को रेलवे में नौकरी देने के लिए बदले में उनसे जमीन ली थी। नौकरी के बदले जमीन, ये घोटाला तब हुआ, जब लालू यादव कथित तौर पर रेल मंत्री थे।

FIR में राबड़ी देवी और मीसा भारती का भी नाम
बता दें कि राजद प्रमुख लालू यादव के अलावा इस केस में राबड़ी देवी और उनकी बेटी मीसा भारती का भी नाम है। इनपर भी भ्रष्टाचार का आरोप है। लालू यादव जहां स्वास्थ्य कारणों से राजनीति में अपेक्षाकृत निष्क्रिय रहे हैं। वहीं मीसा भारती वर्तमान में राज्यसभा सांसद हैं। राबड़ी देवी बिहार विधानसभा में विपक्ष की नेता हैं।

लालू के घर पर छापेमारी के खिलाफ पटना में विरोध शुरू
लालू यादव के घर समेत 17 ठिकानों पर छापेमारी की खबर सार्वजनिक होने के बाद, बिहार के पूर्व सीएम लालू यादव के समर्थकों ने पटना में उनके आवास के बाहर विरोध करना शुरू कर दिया। आरजेडी पार्टी के सहयोगी ने कार्रवाई को लेकर केंद्रीय जांच एजेंसी की खिंचाई की है। राजद नेता आलोक मेहता ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, ''यह एक मजबूत आवाज को दबाने की कोशिश है। सीबीआई के निर्देश और कार्य पूरी तरह से पक्षपाती हैं।'' एक प्रमुख विपक्षी नेता ने कहा, ''लालू प्रसाद यादव के खिलाफ कार्रवाई की गई, क्योंकि वह भाजपा के आलोचक हैं।''

'जब लालू रेल मंत्री थे, ग्रुप-डी की नौकरियों के बदले में जमीन मांगते थे...'
भाजपा नेता सुशील मोदी ने बताया कि लालू यादव के कई ठिकानों पर सीबीआई की छापेमारी क्यों हो रही है। सुशील मोदी ने कहा, ''जब लालू यादव रेल मंत्री थे, तो उन्होंने ग्रुप-डी की नौकरियों के बदले में किसी और को जमीन दान करने के लिए दर्जनों लोगों मजबूर किया और फिर 5-6 साल बाद उनसे खुद को वो जमीन उपहार में दिया। यह था काम करने का ढंग था उनका।''

लालू यादव के खिलाफ पहले से इन मामलों में दर्ज है केस
चारा घोटाले से जुड़े दुमका कोषागार मामले में जमानत मिलने के बाद से लालू यादव की तबीयत ठीक नहीं है। पिछले साल अप्रैल तक लालू यादव बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में 2017 से बंद थे। सीबीआई ने लालू यादव के खिलाफ अविभाजित बिहार के विभिन्न जिलों में सरकारी कोषागारों से धोखाधड़ी से जनता के धन की निकासी के 950 करोड़ रुपये के घोटाले के संबंध में कुल 170 आरोप पत्र दायर किए थे। जबकि लालू को दुमका, देवघर और चाईबासा कोषागार से संबंधित चार मामलों में पहले ही जमानत मिल गई थी,उन्हें और 75 अन्य को डोरंडा कोषागार मामले में सीबीआई की एक विशेष अदालत ने दोषी ठहराया था।