विधान परिषद चुनाव: राजद ने तेज प्रताप को उम्मीदवार क्यों नहीं बनाया? भाजपा ने लिस्ट में कुशवाहा, कायस्थ का रखा ध्यान
पटना। बिहार में राष्ट्रीय जनता दल के जिन उम्मीदवारों ने विधान परिषद चुनाव के लिए नामांकन किया है उनमें लालू की विरासत को संभालने की दौर में पीछे छूट चुके तेज प्रताप का नाम नहीं है। राजद ने पार्टी के अति पिछड़ा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष प्रोफेसर रामबली चंद्रवंशी, बिस्कोमान अध्यक्ष सुनील सिंह और शिवहर के फारूख शेख को विधान परिषद चुनाव का उम्मीदवार बनाया है और तीनों ने बुधवार को नामांकन भी दाखिल कर दिया है। माना जा रहा था कि राजद की लिस्ट में तेज प्रताप का नाम भी शामिल होगा लेकिन उनका पत्ता कटने के बाद अब इसको तेजस्वी को पार्टी में मजबूत करने के दांव के रूप में भी देखा जा रहा है।
राजद के एक फैसले से तेज प्रताप का नाम हटा
राजद के खाते में इस बार तीन सीटें हैं और इनमें से एक उम्मीदवार के तौर पर तेज प्रताप का नाम फाइनल माना जा रहा था लेकिन ऐन वक्त पर पार्टी ने यह फैसला लिया कि परिवार के किसी सदस्य को वह विधान परिषद चुनाव का उम्मीदवार नहीं बनाएगी जिसके बाद उनकी जगह पर पार्टी ने फारूख शेख को चुना। राजद के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से इस बारे में लिखा गया कि तेजस्वी यादव ने एमएलसी उम्मदीवारों के चयन से उद्योग जगत, युवाओं व किसानों को स्पष्ट संदेश दिया है।
राजद की लिस्ट के क्या हैं मायने?
सियासी जानकार इस बारे में कह रहे हैं कि राजद ने उम्मीदवारों के चयन में जातिगत और धार्मिक समीकरणों को ध्यान में रखा है। राजपूत समाज के प्रत्याशी सुनील सिंह के चयन के पीछे यही रणनीति है। राजपूत प्रत्याशी को विधान परिषद में भेजने की मांग को देखते हुए पार्टी ने यह फैसला लिया। इसके अलावे मुस्लिम समुदाय से फारूख शेख और पिछड़ा समाज से रामबली चंद्रवंशी का नाम लिस्ट में रखा है। राजनीतिक पंडित यह भी कह रहे हैं कि इसी बहाने तेज प्रताप को पार्टी में साइडलाइन किया गया है, ऐसा हो सकता है।
परिवारवाद से बचने की कोशिश!
वरिष्ठ पत्रकार रवि उपाध्याय ने न्यूज 18 से बातचीत में कहा है कि परिवारवाद के आरोपों से बचने के लिए तेज प्रताप को उम्मीदवार नहीं बनाया गया। जातिगत समीकरणों के तहत पहले ब्राह्मण समाज के मनोज झा और भूमिहार समाज के एडी सिंह को राज्यसभा भेजा गया। इसके बाद अब राजपूत समाज, पिछड़ा तबका और मुस्लिम समुदाय के उम्मीदवार को विधान परिषद चुनाव के लिए चुना गया है। पार्टी में तेज प्रताप को क्या नई जिम्मेदारी दी जाती है यह देखने वाली बात होगी। फिलहाल तेजस्वी ही पार्टी पर हावी हैं और तेज प्रताप को अहमियत कम मिल रही है।
भाजपा की लिस्ट में दो उम्मीदवारों के नाम
भाजपा ने विधान परिषद के चुनाव में अपने कोटे से दो नामों का ऐलान किया है। राष्ट्रीय मीडिया सह प्रमुख संजय प्रकाश उर्फ संजय मयूख को दूसरे कार्यकाल के लिए भाजपा ने उम्मीदवार के तौर पर चुना है। वहीं दूसरे उम्मीदवार के तौर पर भाजपा ने पूर्व मंत्री सम्राट चौधरी को नामित किया है जिनके पिता शकुनी चौधरी बिहार के कद्दावर नेता रहे हैं। संजय मयूख कायस्थ हैं और सम्राट चौधरी पिछड़ा कुशवाहा समाज से हैं। इस तरह से भाजपा ने सवर्ण और कोईरी कुशवाहा समाज को साधने की कोशिश की है।
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