बिहार चुनाव में प्रचार करने उतरीं मायावती, पूछा- 10 लाख, 19 लाख नौकरी देने की बात करने वाले सत्ता में रहे तो क्या किया?
कैमूर। बिहार विधानसभा चुनाव में मायावती भी शुक्रवार को चुनाव प्रचार करने उतरीं। उपेंद्र कुशवाहा के साथ उन्होंने कैमूर के भभुआ और रोहतास के करगहर में बसपा प्रत्याशियों के लिए चुनावी सभा कीं। रोहतास के करगहर में हुई चुनावी सभा में मायावती ने कहा कि आज जिसे देखो नौकरी देने की बात कर रहे हैं। राजद ने बिहार में 15 सालों तक राज किया और उसके बाद 15 सालों से नीतीश कुमार भाजपा के साथ मिलकर सरकार चला रहे हैं, ऐसे में तो इन लोगों को कभी बेरोजगारों की याद नहीं आई। जब इनको सत्ता मिली तो इन्होंने लोगों को रोजगार क्यों नहीं दिया? राजद और भाजपा पर हमला बोलते हुए मायावती ने कहा कि आज कोई दस लाख नौकरी बांट रहा है तो कोई कह रहा है कि 19 लाख नौकरी देंगे।
भभुआ की सभा में मायावती ने अपने भाषण में रोजगार और पलायन के मुद्दे को उठाया। मायावती ने किसी भी सरकार में दलितों, शोषितों, किसानों, छोटे व्यापारियों व मेहनतकशों के विकास नहीं होने की बात कही। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद कांग्रेस सरकारों की गलत नीतियों की वजह से प्रदेश पिछड़ा रहा और इसके बाद जो स्थानीय दलों की गठबंधन सरकार बनीं, वो भी दलितों और मेहनतकशों के विकास के लिए कुछ नहीं कर पाई जिस वजह से बड़े पैमाने पर पलायन हुआ। उन्होंने कोरोना काल में प्रदेश लौटते समय हुई प्रवासियों की दुर्दशा की भी चर्चा की।
कैमूर में हुई जनसभा में मायावती ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान देखने को मिला कि लोगों को क्या दुर्दशा हुई? पिछली सरकारें लोगों को रोजगार उपलब्ध नहीं करा पाई। बिहार में किसी भी सरकार ने दलितों, शोषितों, मजदूरों और मेहनतकशों के विकास पर ध्यान नहीं दिया। इनको आरक्षण का लाभ भी नहीं मिला है। जिनको आरक्षण का लाभ मिला है उसको भी धीरे-धीरे खत्म कर रहे हैं। कहा कि नीतीश सरकार कोरोना महामारी के दौरान लौटे प्रवासियों को रोजगार मुहैया नहीं करा पाई। लाचार लोग फिर से पलायन कर रहे हैं। उपेंद्र कुशवाहा ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि अगर हमारी सरकार बनती है तो रोजगार, शिक्षा और दवा की व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे।