पटना समेत बिहार के 18 जिलों में भारी बारिश के साथ आकाशीय बिजली गिरने की आशंका, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट
पटना। उमस और भीषण गर्मी से जहां एक तरफ लोगों को राहत मिली है, वहीं बिहार के 18 जिलों में खास तौर पर एहतियात बरतने की सलाह दी गई है। मौसम विज्ञान केंद्र पटना के मुताबिक, बिहार में एक बार फिर मानसून सक्रिय हो गया है। अगले 48 घंटों में राज्य के कई हिस्सों में अत्यधिक बारिश होने के आसार हैं। मौसम विज्ञान केंद्र ने पटना समेत 18 जिलों में खास तौर पर एहतियात बरतने की सलाह दी है। दरअलस, इन इलाकों में आकाशीय बिजली गिरने की आशंका व्यक्त की है। साथ ही लोगों को बेवजह घरों से बाहर न निकलने की अपील की गई है।
48 घंटे इन जिलों के लिए भारी
मौसम विज्ञान केंद्र पटना ने बिहार के 18 जिलों में खास तौर पर एहतियात बरतने की सलाह दी है। इसमें पटना, नालंदा, पश्चिमी और पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, सीवान, शिवहर, सीतामढ़ी, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, सारण, मधुबनी, सुपौल, अररिया, सहरसा, मधेपुरा, पूर्णिया, किशनगंज और कटिहार है। मौसम विभाग के मुताबिक, इन इलाकों में आकाशीय बिजली गिरने की आशंका है। इस दौरान मौसम विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे घरों से बाहर न निकलें।
भारी बारिश के आसार
वरिष्ठ मौसम विज्ञानी संजय कुमार का कहना है गंगा के तटीय इलाके से लेकर के हिमालय के तराई के इलाके तक फिलहाल भारी बारिश हो रही है। राज्य से एक ट्रफ लाइन पूर्वी बिहार से लेकर उत्तर प्रदेश होते हुए पंजाब एवं हरियाणा तक तथा दूसरी ट्रफ लाइन बिहार से विदर्भ एवं छत्तीसगढ़ तक जा रही है। इससे प्रदेश में झमाझम बारिश हो रही है। राजधानी में पिछले 24 घंटे में 39.2 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई। शुक्रवार को राज्य में सर्वाधिक बारिश गया में 130.5 मिलीमीटर रिकॉर्ड की गई। भागलपुर में 62.6 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई। पूर्णिया में 48.7 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई। शनिवार को भारी बारिश के साथ बिजली कड़कने के भी आसार हैं।
रविवार तक बना रहेगा खतरा
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, जिस तरीके से बिहार से लेकर राजस्थान तक ट्रफ लाइन बना हुआ है वैसे में राज्य में कंवर्जेंस जोन बन गया है। इस जोन में गर्म और ठंडी हवाएं आपस में टकराती हैं। इन हवाओं के टकराने से ही बिजली कड़कती है, जिसे वज्रपात ठनका कहा जाता है। पटना मौसम केंद्र के अनुसार अभी उत्तर बिहार के सीमावर्ती इलाकों में लगभग 3.5 किलोमीटर की ऊंचाई पर बंगाल की खाड़ी से आने वाली नमीयुक्त एवं राजस्थान से आने वाली शुष्क हवाएं टकरा रही हैं। इस कारण बिजली कड़क रही है, वज्रपात की घटना भी घटित हो रही है। कमोबेश ये स्थिति 28 जून तक रहेगी।