मूसलाधार बारिश से डूबे बिहार के कई जिले, डिप्टी सीएम सुशील मोदी के इलाके में भी जलभराव
पटना। बिहार में बारिश का कहर लगातार जारी है। मूसलाधार बारिश और वज्रपात से ना सिर्फ लोगों को परेशानी हो रही है, बल्कि जान-माल का भारी नुकसान भी हुआ है। वज्रपात के चलते बिहार में अभी तक 107 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, मौसम विभाग के ताजा अपडेट के मुताबिक, बिहार में मानसून पूरी तरह से सक्रिय है और राज्य के कई जगहों पर भारी बारिश और वज्रपात की आशंका है। मौसम विभाग वज्रपात और मूसलाधार बारिश को देखते हुए फिर से राज्यभर में 72 घंटे का अलर्ट जारी किया है।
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पटना के कई इलाकों में भरा बारिश का पानी
रविवार सुबह से राजधानी पटना, मधुबनी, जहानाबाद समेत बिहार के कई जिलों में बारिश हो रही है। मूसलाधार बारिश की वजह से आम जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। इतना ही नहीं, राजधानी पटना समेत सूबे के कई हिस्सों में हो रही बारिश से सड़कों पर जलभराव हो गया है। मूसलाधार बारिश के कारण सबसे ज्यादा असर पटना के नीचले इलाके राजेंद्र नगर और कंकरबाग रोड इलाके में हुआ है। खास बात यह है कि बारिश के पानी ने बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के आवासीय क्षेत्र को भी अपनी गिरफ्त में ले लिया है। डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी के आवासीय क्षेत्र में हुए जलभराव के बाद नगर निगम के कर्मचारी पानी की निकासी के लिए मौके पर पहुंचे गए हैं।
IMD ने जताई 100 मिमी बारिश होने की आशंका
वहीं, दूसरी और भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने अगले तीन दिनों तक राज्य में 100 मिमी बारिश होने की आशंका जताई है। विभाग ने पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, सीवान, अररिया, किशनगंज, कटिहार, सहरसा में तो रेड अलर्ट जारी किया है। यहां पर मूसलाधार बारिश के आसार हैं। विभाग की चेतावनी के बाद प्रशासन चौकन्ना हो गया है। उसने राज्य के 12 जिलों में एनडीआरएफ की टीम की तैनाती की है।
रेज जोन और ऑरेंज जोन में है ये जिले
इससे पहले 25 जून को मौसम विभाग ने उत्तरी बिहार सहित कई जिलों में अगले तीन दिनों तक तेज आंधी और भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया था। मौसम विभाग के अलर्ट के बाद जिला प्रशासन ने संभावित बाढ़ और जलजमाव को देखते हुए जिला नियंत्रण कक्ष बनाया था। साथ ही सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों को अगले तीन दिनों तक होने वाली भारी बारिश के लिए ड्यूटी पर तैनात कर दिया था। वहीं, मौसम विज्ञान विभाग द्वारा जारी अलर्ट के अनुसार गुरुवार को अररिया और किशनगंज जिले को रेड जोन में रखा था। पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, गोपालगंज, सीवान सारण, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, वैशाली, शिवहर, समस्तीपुर, सुपौल, पूर्णिया, सहरसा और मधेपुरा को ऑरेंज जोन में रखा गया था।
बिहार के 24 जिलों में 100 मौतें
आपको बता दें कि बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड और प. बंगाल में बीते गुरुवार को बिजली गिरने से 135 लोगों की मौत हो गई। बिहार के 24 जिलों में सबसे ज्यादा 100 मौतें हुईं। उत्तर प्रदेश में 24, झारखंड में 8 और प. बंगाल में 3 लोगों बिजली गिरने के शिकार हुए थे, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चारों राज्यों में हुई मौतों पर गहरा शोक प्रकट किया था।
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