Bihar Survey: नीतीश को नापसंद करने वाले 61 फीसदी! फिर भी बिहार मेंएनडीए सरकार!
पटना। प्री पोल सर्वे में बिहार में एनडीए सरकार की वापसी हो रही है। मगर, जिस तरीके से नीतीश कुमार की लोकप्रियता मुख्यमंत्री के रूप में गिर रही है और उन्हें नापसंद करने वाले 71 फीसदी तक जा पहुंचे हैं उसे देखते हुए एनडीए सरकार की वापसी का प्री पोल सर्वे चौंकाता है। सी वोटर-एबीपी के सर्वे में ऐसे लोगों की संख्या 41.22 हो गई है जो नीतीश सरकार से संतुष्ट नहीं हैं। मुख्यमंत्री बदलने की इच्छा रखने वालों की तादाद बढ़कर 61.1 फीसदी जा पहुंची है।
सी वोटर- टाइम्स नाऊ के सर्वे में सीएम नीतीश कुमार से बिल्कुल संतुष्ट नहीं रहने वाले 40.42 प्रतिशत और किसी हद तक संतुष्ट रहने वाले 31.54 प्रतिशत लोगों को जोड़ दें तो मुख्यमंत्री से असंतुष्ट लोगों का प्रतिशत 71.96 फीसदी जा पहुंचा है। केवल 27.43 प्रतिशत लोग मुख्यमंत्री से संतुष्ट हैं।
सी-वोटर के दो प्री-पोल: एबीपी में एनडीए को 43 फीसदी वोट, टाइम्स नाऊ में 34.4 फीसदी!
चौंकाने वाली बात यह भी है कि सी वोटर का टाइम्स नाऊ और एबीपी न्यूज के साथ दो प्री पोल सर्वे हैं और दोनों में एनडीए और महागठबंधन को मिल रहे वोट प्रतिशत में बड़ा फर्क है। सी वोटर-टाइम्स नाऊ का सर्वे बता रहा है कि एनडीए को 34.4 फीसदी वोट मिल रहे हैं जबकि सी वोटर-एबीपी का सर्वे बता रहा है कि एनडीए को 43 फीसदी वोट मिलते दिख रहे हैं। एक ही सर्वे एजेंसी के साथ दो टीवी चैनलों के आंकड़े में इतना बड़ा अंतर चौंकाने वाला है।
-सी वोटर-टाइम्स नाऊ के मुताबिक महागठबंधन को 31.8 फीसदी वोट मिल रहा है और यह एनडीए से महज 2.6 फीसदी पीछे है।
- सी वोटर-एबीपी के मुताबिक महागठबंधन को 35 प्रतिशत वोट मिलते दिख रहे हैं। इस तरह वह एनडीए से 8 फीसदी पीछे है।
अगर यूपीए या महागठबंधन की बात करें तो यूपीए को पहले सर्वे में 33.4 फीसदी वोट मिलते दिख रहे थे जबकि ताजा सर्वे में यह 36 फीसदी के स्तर पर पहुंच गया है। इस तरह 2.6 फीसदी वोटों की बढ़ोतरी यूपीए या महागठबंधन के खाते में हुई है।
मुख्यमंत्री के तौर पर अब भी पसंदीदा हैं नीतीश कुमार!
सर्वे में एक तरफ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए इतनी नाराज़गी बयां हो रही हैं। वहीं मुख्यमंत्री के तौर पर सबसे पसंदीदा के तौर पर नीतीश कुमार बने हुए हैं। यह भी बेहद चौंकाने वाली बात है। नीतीश कुमार को पसंद करने वाले 29.5 फीसदी, तेजस्वी यादव को 19.9 फीसदी, चिराग पासवान को 13.8 फीसदी और सुशील मोदी को 9.9 फीसदी लोग मुख्यमंत्री के तौर पर पसंद कर रहे हैं।
सितंबर में सी वोटर-एबीपी सर्वे में मुख्यमंत्री को 30.9 फीसदी और तेजस्वी यादव को 15.4 फीसदी लोग पसंद कर रहे थे। तब लालू को पसंद करने वाले भी 8.3 फीसदी थे। इस तरह मुख्यमंत्री के तौर पर जहां तेजस्वी यादव की लोकप्रियता बढ़ी है वहीं इस पद के लिए चिराग पासवान भी दावेदार बने दिख रहे हैं।
तीन प्री पोल सर्वें में सीटें घटकर भी एनडीए की बढ़त बरकरार
एबीपी और टाइम्स नाउ के साथ सी वोटर के ताजा सर्वे में एनडीए को 135 से 159 सीटें दी गई हैं। अब तक तीन अलग-अलग समय पर सर्वे आ चुके हैं। अक्टूबर के पहले हफ्ते के सर्वे में 160 सीटें एनडीए को दी गयी थीं। सबसे पहले सर्वे में जो सितंबर में हुए थे, उसमें एनडीए को 141 से 161 सीटें दी गयीं थीं। इस तरह पहले और आखिरी सर्व में अब तक मामूली फर्क दिख रहा है और उसके अनुसार एनडीए की सीटें मामूली रूप से घटने के बावजूद सत्ता में एनडीए की वापसी हो रही है।
एलजेपी कोई फैक्टर नहीं
सर्वे के मुताबिक, एलजेपी किंगमेकर तो दूर चुनाव को प्रभावित करती भी नहीं दिख रही है। उसे 1 से 5 सीटें मिलती दिखाई गई हैं। सितंबर में भी उसे 4 सीटें मिलती दिखाई गई थीं। सितंबर में जो अन्य के खाते में 13 से 23 सीटें दिखाई जा रही थीं वह घटकर अब 5-8 सीटें रह गयी हैं। इसकी एक वजह है लेफ्ट का महागठबंधन में आना।
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महागठबंधन की स्थिति में सुधार, मगर नाकाफी
महागठबंधन को ताजा सर्वे में 77-98 सीटें मिलती दिखाई गयी हैं। जबकि पहले सर्वे में उसे 64 से 84 सीटें मिलती दिखाईं गयीं थीं। इस हिसाब से देखें तो महागठबंधन की सेहत में सुधार दिखाया गया है लेकिन यह इतना मामूली है कि इससे सरकार बनाने की उसकी क्षमता में कोई बढ़ोतरी नहीं होती है। सितंबर महीने में हुए पहले सर्वे में एनडीए को 44.8 सीटें मिलती दिखाई गई थीं। दूसरे सर्वे में इसमें बढ़ोतरी हुई थी और यह 48.2 प्रतिशत तक पहुंच गया था। लेकिन ताजा सर्वे में एनडीए को 43 फीसदी वोट मिलता दिख रहा है। इस तरह उसे पहले सर्वे के मुताबिक 1.8 फीसदी का और दूसरे सर्वे की तुलना में 5.2 फीसदी वोटों का नुकसान होता दिख रहा है।
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