बिहार पुलिस-प्रशासन का शर्मनाक चेहरा आया सामने, नाबालिग से जूता चटवाया
नाबालिग लड़के की मां ने भी ADM से माफी मांगी लेकिन वो FIR कराने की जिद पर अड़े हुए थे और एडीएम के दबाव के आगे ट्रैफिक थाने की पुलिस ने भी घुटने टेक दिए।
पटना। बिहार के पुलिस और प्रशासन का एक शर्मसार करने वाला कारनामा सामने आया है जिसमें जिला प्रशासन के अधिकारी ने एक नाबालिग लड़के को मामूली विवाद पर इतना प्रताड़ित किया कि वो उनके जूते चाटने पर मजबूर हो गया लेकिन फिर भी पुलिस वाले ने जमानतीय धारा में केस दर्ज होने के बावजूद भी जमानत नहीं दी और जेल भेज दिया। तो दूसरी तरफ ये मामला सामने आया तो जिले के एसएसपी मनु महाराज ने मामले को गंभीरता से लेते हुए दोषी पुलिसकर्मी को सस्पेंड कर दिया।
ADM को लगी थी स्कूटी से टक्कर
जानकारी के मुताबिक मामला राजधानी पटना के कदम कुआं इलाके की है, जहां ADM वीरेंद्र कुमार पासवान को एक नाबालिग लड़के ने स्कूटी से टक्कर मार दिया था, जिसके कारण उनके पैर में चोट आ गई थी। जिसके बाद ADM ने स्कूटी चलाने वाले लड़के और उसके दोस्तों को पकड़कर उनकी जमकर पिटाई कर दी और जूते चटवाए। इसके बाद उसे नजदीकी पुलिस के हवाले कर दिया। मामला ट्रैफिक से जुड़ा हुआ था इसलिए उस लड़के को ट्रैफिक थाने के हवाले कर दिया गया। तो दूसरी तरफ नाबालिग लड़के के परिवार वालों को इस बात की जानकारी हुई तो सभी ट्रैफिक थाने पहुंचे और बेटे को छोड़ने की गुहार लगा रहे थे लेकिन ADM के सामने कोई भी पुलिस वाला पीड़ित परिवार की सुनने को तैयार नहीं था। उसके बाद नाबालिग लड़के की मां ने भी ADM से माफी मांगी लेकिन वो FIR कराने की जिद पर अड़े हुए थे और एडीएम के दबाव के आगे ट्रैफिक थाने की पुलिस ने भी घुटने टेक दिए।
जांच में निकले पुलिस वाले दोषी
किशोर के खिलाफ एफआइआर दर्ज करते हुए उसे रिमांड होम भेज दिया गया। जबकी जिस धारा के अंतर्गत नाबालिग पर मामला दर्ज किया गया था वो जमानतीय धारा था और थाने से ही जमानत दिए जाने का प्रावधान था और तो और नाबालिग के घरवाले मोटर वाहन अधिनियम के तहत जुर्माना भरने के लिए तैयार थे। फिर भी पुलिस वाले ने नाबालिग को न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष पेश कर रिमांड होम भेज दिया।
तो दूसरी तरफ नाबालिक लड़के के परिवार वालों ने जिले के SSP से मिलकर पूरे मामले की जानकारी दी और कहा कि ट्रैफिक थानेदार के द्वारा पैसे की मांग की गई थी। पैसा नहीं देने के बाद उसे जेल में भेज दिया गया जबकि उसकी परीक्षा चल रहा थी और जेल जाने की वजह से वो दो परीक्षाओं में अनुपस्थित रहा। जब इस पूरे मामले की जांच SSP ने शुरू की तो पुलिस वाले दोषी पाए गए और पूछताछ के दौरान संतोषपूर्ण जवाब ना देने के कारण ट्रैफिक इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर दिया गया। इस पूरे मामले के बारे में जानकारी देते हुए एसएसपी मनु महाराज ने कहा कि एडीएम द्वारा लगाए गए आरोप गलत साबित हुए तो उनके खिलाफ आइपीसी की धारा 182 और 211 के तहत प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।
DM ने दिया जांच का आदेश
दूसरी तरफ मामला सामने आने के बाद पटना के जिलाधिकारी संजय अग्रवाल ने भी मामले को गंभीरता से लिया और इस मामले में एसएसपी से रिपोर्ट मांगी है। दरअसल, 25 दिसंबर को प्रकाश पर्व को लेकर एडीएम स्पेशल विरेंद्र कुमार पासवान की ड्यूटी बाललीला गुरुद्वारा के पास लगी थी। हालांकि वो ड्यूटी से गायब थे। ड्यूटी की अवधि में वो कदमकुआं में घूम रहे थे। डीएम ने इसकी जांच कराने का आदेश दिया है। साथ ही एसएसपी की रिपोर्ट पर कार्रवाई करने की बात कही है।
जूता चटवाने वाले ADM पर होगी कार्रवाई!
आपको बता दें कि इस पूरे मामले में ADM स्पेशल वीरेंद्र कुमार पासवान की मुश्किलें बढ़ती दिखाई दे रही है। क्योंकि जब वो बीच सड़क पर नाबालिग लड़के के साथ मारपीट करते हुए जूता चटवा रहे थे तभी वहां मौजूद लोगों ने इसे देखा और इसकी गवाही दी है। तो ट्रैफिक थाने में नबालिग की मां को धक्का दिया था। उनके साथ अभद्र भाषा में बात की थी। पूरा मामला संज्ञान में आने के बाद एसएसपी ने खुद कांड की जांच करने का जिम्मा लिया।
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