आस्था या अंधविश्वास: नवरात्र के मौके पर लड़की ने मां दुर्गा को चढ़ा दी अपनी आंख
पटना। बिहार के दरभंगा में आस्था के नाम पर 18 साल की एक लड़की ने अपनी आंखें मां दुर्गा को समर्पित कर दी। लड़की को मां दुर्गा के प्रति इतनी भक्ति और आस्था थी कि उसने भावुक होकर ये कदम उठा लिया। लड़की शुरु से ही धर्म और आध्यात्म के प्रति रूचि रखती है। नवरात्र के मौके पर उसे पता नहीं किया हुआ उसने मंदिर प्रांगण में ही अपनी आंख निकल ली। मंदिर में लड़की को ऐसा करते देख हौरान रह गए। फौरन उसे अस्पताल में पहुंचाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने बताया कि उसके बाएं आंख की रौशनी जा चुकी है और वो अब कभी नहीं देख पाएगी।
मां दुर्गा को भेंट कर दी अपनी आंखें
दरभंगा के बहेड़ी गांव की कोमल कुमार धर्मसार को मां दुर्गा के प्रति गहरी आस्था है। वो धार्मिक प्रवृत्ति की है। चैत्र दुर्गापूजा के दौरान वो बाकी की लड़कियों के संग कलश लेकर मां दुर्गा के मंदिर पहुंची थी। जब वो वहां पहुंची तो देवी दुर्गा का पट खोलने से पहले चक्षुदान की परंपरा चल रही थी। कोमल को न जाने का सूझी उसने भी अपने आंखें मां को भेंट करने की बात कही।
देवी के लिए चक्षुदान
कोमल ने ये बात अपने सहेलियों से कही तो सबसे उसे मजाक मान लिया। मंदिर प्रांगण में सभी लोग मां का पट खुलने का इंतजार कर रहे थे। इसी दौरान कोमल ने अपनी ऊंगलियों की मदद से अपनी बांयी आंख निकाल ली। उसकी आंखों से खून निकलने लगा। लोगों ने देखा तो उसकी आंख लटकी हुई थी।
चली गई रौशनी
कोमल को देखकर लोगों ने उसके दोनों हाथों को पकड़कर उसे रोक लिया। फौरन उसे दरभंगा मेडिकल कॉलेज लाया गया। डॉक्टरों के ऑपरेशन किया, लेकिन उसके बायें आंख की रोशनी जा चुकी है। गांववालों की माने तो कोमल मां दुर्गा की भक्त है और उसका ज्यादा वक्त पूजा पाठ में ही गुजरता है। वो धर्मशास्त्र, पूजा पाठ में ही अपना वक्त बिताती है। पढ़ाई लिखाई में वो बेहद कमजोर है। गांववाले मानते है कि कोमल पर देवी आती है।