बिहार चुनाव में खुला LJP का खाता, जानिए कहां से मिली चिराग पासवान की पार्टी को जीत
पटना- बिहार चुनाव में आखिरकार चिराग पासवान की पार्टी लोजपा का खाता खुल गया है। उनकी पार्टी के प्रत्याशी मटिहानी विधानसभा सीट से चुनाव जीत गए हैं। दिलचस्प बात ये है कि मटिहानी में एलजेपी उम्मीदवार ने जेडीयू के प्रत्याशी को ही पराजित किया है, जिसके विरोध में चिराग की पार्टी एनडीए से अलग होकर चुनाव लड़ी है। मटिहानी विधानसभा सीट पर पार्टी के उम्मीदवार राजकुमार सिंह ने जनता दल यूनाइटेड के उम्मीदवार नरेंद्र कुमार सिंह उर्फ बोगो सिंह को मात्र 333 मतों के अंतर से पराजित किया है।
मटिहानी विधानसभा क्षेत्र में पहले सीपीएम के राजेंद्र प्रसाद सिंह को बढ़त मिली थी, लेकिन बाद में वो पिछड़ गए और जदयू और लोजपा में मुकाबला शुरू हो गया और परिणाम सिर्फ 333 वोटों के अंतर से एलजेपी के पक्ष में आया। यह विधानसभा सीट बेगूसराय जिले में आती है। इस क्षेत्र में एलजेपी उम्मीदवार को 61,364 वोट मिले हैं, जबकि इसके निकटतम प्रतिद्वंद्वी जदयू के प्रत्याशी को 61,031 वोट प्राप्त हुए हैं। वहीं सीपीएम के उम्मीदवार भी थोड़ा ही पीछे रहकर 60,599 वोट हासिल करने में सफल रहे हैं।
इस सीट पर एलजेपी को 29.64%, जेडीयू को 29.48% और सीपीएम को 29.27% वोट मिले हैं। इन तीनों उम्मीदवारों के अलावा बाकी सभी 10 प्रत्याशियों की जमानतें जब्त हो गई हैं।
बिहार विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान ने मुख्यतौर पर सत्ताधारी जदयू के खिलाफ अपने उम्मीदवार उतारे थे। उनकी पार्टी ने 134 सीटों पर चुनाव लड़ा है, उनमें से उसने सिर्फ 6 सीटों पर बीजेपी उम्मीदवारों के खिलाफ उम्मीदवार उतारे थे।
बिहार विधानसभा चुनाव में एलजेपी को 5.70 फीसदी वोट मिलते दिख रहे हैं। भाजपा के प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा है कि अगर एलजेपी एनडीए के साथ मिलकर लड़ती तो गठबंधन को आसानी से 150 सीटें तक मिल सकती थीं। जानकारी के मुताबिक जिन महत्वपूर्ण सीटों पर लोजपा के चलते नीतीश कुमार की पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है, उनमें महुआ, महिषी, कुर्था और नोखा जैसी सीटें शामिल हैं।
गौरतलब है कि इस चुनाव में चिराग पासवान ने खुद को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हनुमान बताया था और उनके नाम पर वोट मांगते हुए नीतीश कुमार और उनकी जेडीयू को हराने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी। परिणाम ये हुआ कि एनडीए को बहुमत के लिए अंतिम वक्त तक संघर्ष करना पड़ रहा है।
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