विकास दुबे को जाति विशेष का शेर कहने पर खफा बिहार के डीजीपी बोले- अपराधियों को हीरो बनाना बंद करें
पटना। बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने सोशल मीडिया पर कुख्यात अपराधी विकास दुबे को हीरो बताने वाले लोगों की भर्त्सना करते हुए कहा है कि उसको जाति विशेष का शेर कहना शर्मनाक है। उन्होंने कहा कि कि क्या हम विकास दुबे की पूजा करें? यह कितना शर्मनाक है कि यह अपराधी आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर भाग निकला। क्या इस बार भी वह बच जाएगा? डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने यह बातें एक इंटरव्यू में कही हैं। डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने गुस्सा जाहिर करते हुए कहा कि रेप, मर्डर जैसे जघन्य अपराधों को अंजाम देने वाले को उसकी जाति के लोग ही हीरो बना रहे हैं। यही लोग ऐसे अपराधियों का नाम जपते हैं और अपराध की संस्कृति समाज में फैलाते हैं। उन्होंने कहा कि 8 पुलिसकर्मियों ने अपने जीवन का बलिदान दिया है और आप विकास दुबे को शेर कह रहे हैं। अगर विकास दुबे शेर है तो भगत सिंह, नेताजी सुभाषचंद्र बोस और अशफाकुल्लाह खां क्या थे? डीजीपी ने लोगों से ऐसे अपराधियों को हीरो बनाकर अपराध की संस्कृति को बढ़ावा न देने की अपील की।
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'हिम्मत है विकास दुबे बिहार में घुसकर दिखाए'
बिहार मे विकास दुबे के छुपने की सूचना पर डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने कहा कि अगर उसकी हिम्मत है तो वो बिहार में घुसकर दिखा दे। अगर वह यहां आ गया तो फिर बचकर निकल नहीं पाएगा। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर उनकी नजर एक पोस्ट पर पड़ी जिसमें विकास दुबे को एक जाति विशेष का शेर कहा गया था। उन्होंने कहा कि ऐसी बातों पर उनको बहुत गुस्सा आता है। विकास दुबे ने अपनी ही जाति के कई लोगों की हत्या की है। अपराधी जाति देखकर हत्या नहीं करता, यह उसका पेशा है। अगर वह बिहार में घुस भी गया तो उसको पता चल जाएगा कि बिहार पुलिस और एसटीएफ क्या है? ऐसे अपराधी का सम्मान नहीं चाहिए, उसको चूहे के बिल से भी निकाल लाना चाहिए। बिहार पुलिस और एसटीएफ इसमें यूपी पुलिस का सहयोग कर रही है। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, विकास दुबे पर 2001 में दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री संतोष शुक्ला की थाने में हत्या करने का आरोप है। 2000 में शिवली स्थित ताराचंद इंटर कॉलेज के सहायक प्रबंधक सिद्धेश्वर पांडेय के मर्डर में भी उसका नाम था। विकास दुबे के ऊपर हत्या के कई मामले समेत 60 से ज्यादा केस दर्ज हैं।
किसने कहा था विकास दुबे को ब्राह्मण का शेर?
कानपुर के केशवपुरम में नागेश्वर अपार्टमेंट में रहनेवाले किलकिल सचान ने 8 पुलिसकर्मियों की हत्या कर फरार हुए कुख्यात के बारे में सोशल मीडिया पर लिखा था कि ब्राह्मण हो तो विकास दुबे जैसा शेर। यह भी लिखा कि विकास ने दुर्बल जनता नहीं, पुलिस को मारा है, सैल्यूट यू विकास दुबे। काकादेव थाने की पुलिस ने किलकिल सचान के खिलाफ केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया था। कोर्ट से किलकिल सचान को अंतरिम जमानत मिल गई। हलांकि इस बारे में किलकिल सचान ने यह दलील दी कि उसने व्यंग्य करते हुए यह बात लिखी थी। काकादेव थाना प्रभारी केके दीक्षित ने इस बारे में बताया था कि किलकिल के खिलाफ वर्ग विशेष की भावनाओं को आहत करने और आईटी एक्ट की धाराओं में केस दर्ज किया गया था। कोर्ट से जमानत मिलने के बाद उसने विवादित पोस्ट डिलीट कर दिया था।
कहां छुपा है विकास दुबे?
कानपुर के बिकरू गांव में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर फरार हुए अपराधी विकास दुबे को यूपी पुलिस की कई टीमें और एसटीएफ तलाश रही है लेकिन अभी तक वह पकड़ से बाहर है। उसके बारे में अंतिम अपडेट यह सामने आया कि वह फरीदाबाद के बदखल चौक स्थित होटल में ठहरा था लेकिन पुलिस की भनक मिलते ही वह वहां से फरार होने में कामयाब हो गया। सीसीटीवी फुटेज सामने आए हैं जिनमें यह दिख रहा है कि वह पुलिस के आने से पहले ही ऑटो में सवार होकर भाग गया। पुलिस ने फरीदाबाद में विकास दुबे का सहयोग करने वाले दो लोगों को हिरासत में लिया है। विकास दुबे को दबोचने के लिए दिल्ली एनसीआर, बिहार, मध्य प्रदेश समेत अन्य सीमावर्ती राज्यों की पुलिस भी अलर्ट पर है। नेपाल सीमा पर भी पुलिस मुस्तैद है साथ ही यूपी के कई जिलों में उसके पोस्टर लगाए गए हैं। विकास दुबे के बारे में सूचना देने पर 5 लाख इनाम देने का ऐलान किया गया है।
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