पिता की अर्थी को कंधा न दे पाने के दर्द को सोशल मीडिया पर किया शेयर, मदद के लिए आगे आए DM
दरभंगा। कोरोना के बढ़ते असर को देखते हुए लॉकडाउन की अवधि तीन मई तक बढ़ा दी गई है। इस लॉकडाउन के दौरान कई ऐसी घटनाएं सामने आई हैं, जिसने हम सभी को झकझोर कर रख दिया। ताजा मामला बिहार के दरभंगा जिले का है, जहां एक बेटा अपने पिता का न तो अंतिम दर्शन कर पाया और न ही उनकी अर्थी को कंधा दे पाया। इसके बाद जब उसने सोशल मीडिया पर अपने दर्द को बयां किया तो जिलाधिकारी उसकी मदद के लिए आगे आए।
सोशल मीडिया पर दिखी बेटे की तड़प
उस बेटे की तड़प तब देखने को मिली जब उसने सोशल मीडिया पर अपनी दुःख भरी दास्तां लिखकर बिहार सरकार से मदद मांगी। प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले के विरौल प्रखंड के पोखराम पंचायत के बलहा नडेगा गांव निवासी सत्य नारायण साह इस वक्त राजस्थान के कोटा शहर में रहकर मेडिकल की तैयारी के लिए पढ़ाई करता है। पिता की इच्छा को पूरी करने के लिए बेटा दिन रात पढ़ाई में लगा रहा। लेकिन इसी दौरान पिता जगदीश साह की मौत की खबर ने उसे परेशान कर दिया।
छात्र ने सभी भी से मांगी मदद
सत्य नारायण ने कई बार कोशिश की लेकिन लॉकडाउन के चलते वो चाह कर भी तकरीबन 1500 किलोमोटर दूर अपने घर नहीं पहुंच सका। पिता के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए लाचार बेटे ने अपने कोचिंग सेंटर के संचालक से लेकर बिहार सरकार तक से मदद मांगी। लेकिन पूरा एक दिन बीत जाने के बाद भी कोटा से दरभंगा आने का कोई रास्ता नहीं दिखा।
जिलाधिकारी मदद के लिए आए आगे
सत्य नारायण साह करीब चार साल से कोटा में रह कर मेडिकल की तैयारी कर रहा है। इसी साल जनवरी में अपने पिता के इलाज के कारण वो जनवरी माह में अपने घर दरभंगा आया था। जब दरभंगा के जिलाधिकारी (डीएम) त्याग राजन एमएस के संज्ञान में यह मामला आया तो जिला पदाधिकारी ने मदद को लेकर स्टूडेंट से संपर्क करने का प्रयास किया है। डीएम खुद इस छात्र की मदद करने में जुटे हैं।
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