बिहार विधानसभा चुनाव में मतदान के लिए टूथपिक या दस्ताने का हो सकता है इस्तेमाल
पटना। बिहार में इस साल आफतों की बरसात हो रही है। एक तरफ पूरे देश के साथ-साथ बिहार भी कोरोना की बीमारी से जूझ रहा है तो वहीं बाढ़ ने प्रदेश के लोगों को परेशान कर रखा है। ऐसे में इस साल होने वाले चुनाव को लेकर कई तरह की आशंका जताई जा रही है। एक तरफ विपक्ष चाहता है कि चुनाव टाल दिया जाए। लेकिन सरकार की मंशा है कि इस साल ही चुनाव हो।
ऐसे में सबकी निगाहें चुनाव आयोग की तरफ टिकी हुई हैं। कोरोना महामारी और बाढ़ की विभीषिका के बीच बिहार विधानसभा चुनाव को वक्त पर कराने को लेकर चुनाव आयोग ने शुक्रवार को मंथन किया। इसके बाद आयोग ने दिशानिर्देशों का एक मसौदा तैयार किया है। इसमें चुनाव के दौरान मतदान कर्मियों के पीपीई किट पहनने, मतदाताओं को संक्रमण से बचाने के लिए ईवीएम मशीन की बटन दबाने के लिए टूथ पिक या दस्ताने का इस्तेमाल करने का विकल्प देने की बात कही गई है।
तैयार किए गए इस मसौदे पर चुनाव आयोग के सचिव एनटी भूटिया ने राजनीतिक दलों से 31 जुलाई तक सुझाव मांगा है। इनके आधार पर आयोग दिशानिर्देश जारी करेगा। राजनीतिक दल रैली संबोधित नहीं कर सकेंगे। सामाजिक समारोह और धार्मिक आयोजनों पर पाबंदी रहेगी। स्क्रीनिंग सख्ती से होगी। पोलिंग बूथों पर मतदाताओं की थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी और उनकी संख्या में कमी की जाएगी।
मसौदे के मुताबिक सभी कर्मचारियों और चुनाव काम में लगे लोगों को मास्क और दस्ताना पहनना अनिवार्य होगा। सार्वजनिक स्थलों, चुनाव कार्यालयों और पोलिंग बूथों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा।इसके अलावा भीड़ होने से रोकने के लिए मतदान के दौरान व्यापक नियंत्रण सिस्टम लागू किया जाएगा।
हालांकि राज्य के कई राजनीतिक दल बाढ़ और कोरोना संकट के बीच चुनाव कराने के पक्ष में नहीं हैं। आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि बिहार चुनाव को लेकर तैयारियां चल रही हैं। आयोग चुनाव के लिए कर्मचारियों और बूथों की संख्या में बढ़ोतरी पर भी विचार कर रहा है।
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