बिहार में अफसर की दबंगई!, पुलिस वाले ने मांगा लॉकडाउन का पास तो करवाई उठक-बैठक और पैरों पर गिराया
अररिया। वैसे तो देश में जब से कोरोना के चलते लॉकडाउन का ऐलान किया गया है। तब से अधिकांश जगहों पर सरकारी अधिकारी के मानविय चेहरे सामने आ रहे हैं। लेकिन बिहार के अररिया जिले का वायरल हो रहे वीडियो में जिला कृषि पदाधिकारी का अमानवीय चेहरा सामने आया है। वायरल हो रहे वीडियो में एक सिपाही जिला कृषि पदाधिकारी के सामने न केवल उठक-बैठक कर रहा है बल्कि उनके पैरों पर गिरकर माफी भी मांग रहा है।
लॉकडाउन का मांगा पास न देने पर 500 रुपये जुर्माना भरने को कहा
वीडियो में माफी मांग रहे सिपाही का नाम गोनू तात्मा है। जो कि अररिया जिले के बैरगाछी में तैनात है। इस वीडियो में कृषि विभाग के अन्य अधिकारियों के साथ जिला कृषि पदाधिकारी भी दिख रहे हैं। वायरल हो रहे इस वीडियो के मुताबिक सिपाही ने जब अधिकारी से पास मांगा और नहीं देने पर 500 रुपये फाइन करने की बात कही। इसके बाद ड्यूटी में वहां तैनात उच्च पुलिस अधिकारी पहुंचे और इसके बाद कृषि पदाधिकारी ने सिपाही से उठक-बैठक करवाई।
एसडीपीओ ने कहा कि होमगार्ड खुद करने लगा उठक-बैठक
वहीं इस मामले पर अररिया एसडीपीओ ने बताया कि इस मामले की जांच की गई है तो पता चला कि सिपाही ने खुद उठक बैठक करना शुरू कर दिया थी। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सिपाही इतना सीधा है कि खुद बख़ुद उठक बैठक और माफी मांगनी शुरू कर दी। हालांकि एसडीपीओ ने कोई संतुष्ट पूर्ण जवाब तो नहीं दिया लेकिन विपक्ष ने इस मुद्दे पर सरकार को आड़े हाथों ले लिया।
विपक्ष ने सरकार को आड़े हाथों लिया
राष्ट्रीय जनता दल ( आरजेडी ) नेता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि अधिकारी पुलिसवालों का मनोबल तोड़ने का काम कर रहे हैं। ये कोरोना के योद्धाओं का यह अपमान है। कृषि पदाधिकारी की पहुंच सत्ता के गलियारों तक है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि डीजीपी इस मामले में ले तत्काल संज्ञान लें और कृषि पदाधिकारी पर तत्काल कार्रवाई होना चाहिए। वहीं, इस मसले पर भाजपा प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा है कि कृषि पदाधिकारी ने गलत किया है। शासन निश्चित तौर पर इसका संज्ञान लेगा। हम डीजीपी और डीजी होम गार्ड जवान से कहेंगे कि वो गार्ड को सम्मानित करेंगे।
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