बिहार: बेगूसराय की गलियों में लड़कों के साथ खेली क्रिकेट, अब महिला क्रिकेट टीम की कप्तानी करेंगी हर्षिता
बिहार के बगूसराय ज़िले से कई युवा क्रिकेट की बारीकियों को सीखते हुए क्रिकेट खेल रहे हैं, लेकि न आज तक कोई भी पुरुष वर्ग के खिलाड़ी का नाम क्रिकेट टीम से सामने नहीं आया है। वहीं मटिहानी की हर्षिता भारद्वाज बिहार की...
बेगूसराय, 27 सितंबर 2022। क्रिकेट का खुमार युवाओं में अकसर देखने को मलता है लेकिन क्रिकेट में कैरियर बहुत कम लोग ही बना पाते हैं, लेकिन इन दिनों बिहार की बेटियां भी क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन कर जिले का नाम रोशन कर रही है। आज हम आपको बेगूसराय ज़िले के मटिहानी निवासी हर्षिता भारद्वाज के संघर्ष की कहानी बताने जा रहे हैं। गांव की गलियों में क्रिकेट खेलने के बाद आज हर्षिता ने बिहार महिला क्रिकेट टीम में बतौर कप्तान अपनी जगह बनाई है।
हर्षिता भारद्वाज ने रचा इतिहास
बिहार के बगूसराय ज़िले से कई युवा क्रिकेट की बारीकियों को सीखते हुए क्रिकेट खेल रहे हैं, लेकि न आज तक कोई भी पुरुष वर्ग के खिलाड़ी का नाम क्रिकेट टीम से सामने नहीं आया है। वहीं मटिहानी की हर्षिता भारद्वाज बिहार महिला टीम की कप्तानी में चयन होने से जिले भर में खुशी का माहौल है। हर्षिता बिहार अंडर-19 महिला क्रिकेट टीम की के लिए कप्तानी करेंगी। हर्षिता भारद्वाज की कामयाबी पर ग्रामीणों ने कहा कि बेगूसराय जिले से क्रिकेट में अभी तक किसी खिलाड़ी का नाम सामने नहीं आया है, लेकिन हर्षिता ने क्रिकेट टीम में बतौर कप्तान जगह बनाकर इतिहास रचा है।
बिहार अंडर-19 महिला क्रिकेट टीम कप्तान हर्षिता
ग्रामीणों ने कहा कि यह हम लोगों के लिए गौरव की बात है कि हमारी बेटी क्रिकेट में बिहार का प्रतिनिधित्व करने जा ही है। आपको बता दें कि 1 अक्टूबर से बीसीसीआई द्वारा चेन्नई में क्रिकेट टूर्नामेंट आयोजित किया जा रहा है। इस बाबत बिहार अंडर-19 महिला क्रिकेट टीम का ऐलान किया गया। क्रिकेट टीम में हर्षिता भारद्वाज का बतौर कप्तान चयन किया गया है। 28 सितंबर को बिहार की टीम टूर्नामेंट के लिए पटना एयरपोर्ट से रवाना होने वाली है।
रिफाइनरी टाउनशिप से ली क्रिकेट की कोचिंग
हर्षिता मटिहानी प्रखंड के हासपुर गांव से ताल्लुक रखती है, वह मुंगेरीगंज के छोटे से मैदान में लड़कों को क्रिकेट खेलते देखा करती थी। लड़कों को क्रिकेट खेलता देख उसे भी क्रिकेट खेलने का जुनून सवार हुआ जिसके बाद वह मोहल्ले के लड़कों के साथ ही क्रिकेट खेलने लगी। जिला क्रिकेट संघ ने उसके जज़्बे को देखते हुए रिफाइनरी टाउनशिप में क्रिकेट की कोचिंग दिलवाई। इसके बाद से हर्षिता लगातार आगे बढ़ती गई औऱ फिर टूर्नामेंटों में भाग लेना शुरू किया। कोचिंग के सहारे हर्षिता अपने हुनर को निखारते चली गई। आज हर्षिता ने अपने हुनर का परचम लहराते हुए जिले का नाम रोशन किया है।
अंडर-19 महिला टी-20 टीम के लिए हुआ सेलेक्शन
बिहार के दरभंगा जिले के छोटे से गांव की रहने वाली बेटी सरिता के संघर्ष की कहानी कुछ ऐसी ही है। सिर पर पिता का साया नहीं है, परिवार की आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं है। इसके बावजूद सरिता अपने सपने को साकार करने जुनून लिए आगे क़दम बढ़ा रही हैं। सरिता के कामयाबी के पीछे उनकी मां का काफी योगदान है। बिजवारा गांव (केवटी प्रखंड, दरभंगा) निवासी सरिता का सेलेक्शन अंडर-19 महिला टी-20 टीम (बिहार) लिए हुआ है।
सरिता ने बतौर ऑलराउंडर गेंदबाज टीम में बनाई जगह
40 सदस्यीय प्रिपरेटरी कैंप में बतौर ऑलराउंडर गेंदबाज सरिता ने टीम में अपनी जगह बनाई है। सरिता के परिवार की माली हालत ठीक नहीं होने के बावजूद उन्होंने क्रिकेट टीम में जगह बनाई है। ग्रामीणों ने बताया कि सरिता क्रिकेट की प्रैक्टिस के लिए सरिता 15 किलोमीटर ट्रेन से सफर कर कैंप में खेलने जाती है। उन्होंने कहा कि पिता का साया नहीं होने से अकसर लड़किया अपने हौसले की उड़ान नहीं भर पाती हैं।
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