बिहार में शराब पीकर मचाया हंगामा तो हो सकती है 10 साल तक की जेल
पटना। बिहार मद्यनिषेध और उत्पाद (संशोधन) विधेयक, 2018 में कानून को तार्किक तरीके से और धारदार बनाया जा रहा है। संशोधन के अनुसार पहली बार शराब पीने पर गिरफ्तारी अब जमानती कर दी गई है। इसके साथ सार्वजनिक जुर्माने के वर्तमान प्रावधान को भी ख़त्म करने का प्रावधान किया गया है। मद्यनिषेध विधेयक में 16 धाराओं को बदलने के साथ-साथ 5 धाराओं को समाप्त करने का प्रस्ताव भी पारित किया गया है।
मद्यनिषेध और उत्पाद (संशोधन) विधेयक, 2018 के तहत पहली बार शराब पीने के आरोप में पकड़े गए व्यक्ति को भले ही 50 हजार रुपए का दंड या तीन महीने की जेल की व्यवस्था की जा रही है, लेकिन शराब पीकर उपद्रव करने वालों के लिए कानून को और कड़ा कर दिया गया है। ऐसे मामलों में 10 साल तक की कैद हो सकती है।
शुक्रवार को शराबबंदी संशोधन कानून (बिहार मद्यनिषेध और उत्पाद संशोधन विधेयक, 2018) बिल पेश किया गया है। इस बिल के मुताबिक, शराबबंदी संशोधन में कई मामलों में सजा को कम किया गया है। सोमवार यानी 23 जुलाई को इस विधेयक पर सदन में चर्चा होगी और राज्य सरकार भी इस पर अपना जवाब देगी। इसके बाद विधान मंडल से इस विधेयक को पारित कराया जाएगा। फिर संशोधन कानून को लागू करने की अधिसूचना जारी की जाएगी।
बिल के मुताबिक, किसी के घर में मादक द्रव्य या शराब पाई जाती है या उसका उपभोग किया है तो 18 साल के अधिक उम्र वाले परिवार के सभी सदस्य को दोषी मानने वाले शब्द को नए कानून में से हटा दिया गया है। नए कानून के मुताबिक शराब का उपभोग करते हैं या नशे की हालत में पाये जाने की हालत में पहली बार पकड़े जाने पर 50 हजार का जुर्माना या तीन महीने की जेल। वहीं दूसरी बार पकड़े जाने पर कम से कम एक साल की जेल, जिसे बढ़ा कर पांच वर्ष तक बढ़ाया जा सकेगा। जुर्माने की राशि एक लाख तक बढ़ाई जा सकती है। यह अपराध जमानतीय होगा। नए बिल के मुताबिक कानून में और भी कई बदलाव किए गए हैं।
शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन प्रसाद वर्मा के आवास पर शुक्रवार को आयोजित जदयू विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा विकास के अनेक कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। राज्य में शराबबंदी कानून मजबूती से लागू है। सरकार विधानमंडल में शराबबंदी कानून में सुधार के लिए संशोधन विधेयक लाई है। इसमें 16 धाराओं में बदलाव का प्रस्ताव है। नए विधेयक की कुल नौ धाराओं के अंतर्गत प्रावधानों में बदलाव होगा, जबकि पांच धाराएं विलोपित की जायेंगी। एक धारा में संशोधन का प्रस्ताव है।
कानून में संशोधन निर्दोष को बचाने के लिए इसका मकसद है कि किसी निर्दोष को इस मामले में फंसाया नहीं जा सके। हालांकि शराब के नशे में हंगामा करते पकड़े जाने का अपराध गैर जमानतीय होगा। इसके आरोपितों को पांच से दस लाख रुपए तक का जुर्माना लगेगा। बिहार मद्यनिषेध और उत्पाद अधिनियम 2016 लागू होने के बाद शराब से जुड़े मामलों का बोझ न्यायालय पर बढ़ा है। करीब सवा लाख से अधिक मुकदमे विभिन्न न्यायालयों में चल रहा है, जिसकी सुनवाई में काफी दिक्कत हो रही है। इन सभी मुद्दों को देखकर शराब बंदी कानून में बदलाव किया जाएगा।