आदित्य सचदेवा हत्याकांड: वो 7 मई की काली रात जिसने खत्म कर दिया था सब कुछ
पटना। बिहार के बहुचर्चित गया रोडरेज मामले में निचली अदालत ने रॉकी यादव सहित तीन अन्य दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है. इसके साथ ही एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. वहीं, रॉकी के पिता बिंदी यादव को पांच साल की सजा और 50 हजार रुपये जुर्माना लगाया गया है. 31 अगस्त को अदालत ने रॉकी यादव, बिंदी यादव, राजेश कुमार और टेनी यादव को दोषी करार दिया था।
बिहार के गया में जिस रात आदित्य सचदेवा की हत्या हुई थी उस दिन सचदेवा परिवार के लिए काली रात आई थी। इसके साथ ही दबंगई के लिए विख्यात मनोरमा देवी और उसके पति बिंदी यादव पर काले बादल छा गए। जिसकी उसने कभी सपनों में भी कल्पना नहीं की होगी। रोब ,रूतबा ,बाहुबल सब खत्म हो गया। जहां एमएलसी मनोरमा देवी के बाहूबली पति बिंदेश्वरी यादव उर्फ बिंदी जेल में बंद हो गया वही उसका बेटा रॉकी यादव पुलिस के गिरफ्त में है तो मनोरमा देवी अपने पार्टी से 7 साल के लिए निलंबित हो चुकी है ।और अपनी गिरफ्तारी के डर से चोरी छुपे रहने लगी थी। हालात यह हो गई है कि मुंह छुपाकर रहने के सिवाय मनोरमा देवी के पास और कोई रास्ता नही था। जिसके बाद उसने कोर्ट में सरेंडर कर दिया। क्योंकि गया प्रशासन ने मनोरमा देवी के घर से विदेशी और महंगी शराब के 8 बोतल बरामद किए गए थे ।जिसमें सख्त कार्रवाई करते हुए उनके आवास की नीलामी की प्रक्रिया कर दी थी। आइए अब हम आपको बताते हैं एक साधारण चोर से बाहुबली बनने तक का सफर के बारे में।
बिंदेश्वरी यादव उर्फ बिंदी यादव का बाहुबल सम्राज 'बिंदी राज'
जदयू की निष्कासित एमएलसी मनोरमा देवी के पति विशेश्वर यादव उर्फ बिंदी यादव का राजनीतिक एक अलग रूतबा है। इसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि देशद्रोह के आरोप झेल रहे बिंदी यादव को जिला प्रशासन की तरफ से सुरक्षा मुहैया कराई जाती है। आपको बताते चलें की गया की राजनीति में अपनी एक अलग पहचान बनानेवाला बिंदी यादव जिला पार्षद अध्यक्ष भी रह चुका है।विशेश्वर यादव उर्फ बिंदी यादव के खिलाफ दर्जनों लूट ,हत्या अपहरण के साथ-साथ देशद्रोह का भी मामला दर्ज है।
एंट्री माफिया यानी...
वही
झारखंड
इलाके
में
बिंदी
यादव
को
एंट्री
माफिया
के
नाम
से
जानते
हैं।
एंट्री
माफिया
यानी
झारखंड
से
आने
वाले
ट्रकों
की
एंट्री
के
नाम
पर
वसूली
किया
जाना।
बिंदी
यादव
और
उनके
गुर्गो
के
द्वारा
झारखंड
से
आने
वाले
ट्रकों
से
एंट्री
के
नाम
पर
लाखों
रुपए
की
अवैध
उगाही
की
जाती
है।
गौरतलब
हो
की
सन्
2001
में
सीआरपीएफ
और
बिहार
पुलिस
की
के
नेतृत्व
में
बिंदी
यादव
के
यहां
छापेमारी
की
गई
थी
जिसमें
उसके
पास
से
काफी
मात्रे
मे
प्रतिबंधित
हथियार
और
कारतूस
बरामद
किया
गया
था।
धुरंधर को हरा का हासिल की थी सत्ता....
गया की एमएलसी मनोरमा देवी ने राजनीति के धुरंधर कहे जाने वाले अनुज कुमार सिंह को हराकर राजनीति में अपनी एक अलग वजूद कायम की थी। और जदयू के कोटे से mlc बनी थी।लेकिन जदयू एमएलसी मनोरमा देवी के पुत्र रॉकी के कारनामे से सब खत्म हो गया । रॉकी ने आदित्य सचदेवा नाम के एक लड़के की हत्या कर दी।जदयू के प्रदेश अध्यक्ष ने आदित्य हत्याकांड के बाद mlc मनोरमा देवी को पार्टी से 7साल के लिए निष्कासित कर दिया।वही इस घटना को लेकर गया शहर के लोग सड़क पर आ गए थे। पुलिस ने इस मामले में रॉकी और उसके पिता को गिरफ्तार कर लिया था जबकि रॉकी की मां और एमएलसी मनोरमा देवी कई महिने बाद जेल गई।
हथियारों के बेहद शौक़ीन है रॉकी
आपको बताते चलें की राकेश रंजन यादव उर्फ़ रॉकी एक उम्दा और ट्रेंड निशानेबाज है। और हथियारों के बेहद शौक़ीन भी है।दो दो पिस्तौल हाथ में लेकर "टेस्टिंग न्यू ऑन्स" का टैग इस सच पर मुहर लगता है।रॉकी की शुरुआती पढ़ाई रांची के बिशप कॉन्वेट स्कूल से हुई है। दिल्ली के एयरफोर्स स्कूल से बारहवीं की पढ़ाई के बाद दिल्ली में जेएनयू से ग्रेजुएशन किया।
हथियारों का बेहद शौक
तक़रीबन एक दर्जन मुकदमो जिनमे मुख्यतः रंगदारी, मारपीट , गुंडागर्दी की धाराओ में नामित रॉकी यादव को हथियारों का बेहद शौक है।हथियारों का बेहद शौक़ीन राकेश उर्फ़ रॉकी एक बेहद उम्दा किस्म का निशानेबाज है जो अक्सर फायरिंग रेंज में फायरिंग करता है। इसका प्रमाण है उसकी तस्वीरें। हथियार मतलब दंबगई और रुतबे का खुला प्रदर्शन आखिर मकसद तो अपनी शख्सियत का खुला प्रदर्शन ही है न?
सचदेवा को मारी थी गोली
सचदेवा की हत्या सड़क पर गोली मार कर हुई थी। रॉकी यादव ने उसे इसलिए गोली मारी थी क्योंकि सड़क पर सचदेवा ने उसे पास नहीं दिया था। इस पूरे मामले में रॉकी यादव के साथ टोनी यादव और एक अंगरक्षक भी आरोपी थे। हालांकि टोनी और अंगरक्षक फिलहाल जमानत पर जेल से बाहर हैं। रॉकी यादव फिलहाल जेल में है। आदित्य सचदेवा की मां चंदा सचदेवा और पिता श्याम सचदेवा ने कहा कि उन्हें न्यायालय और सरकार पर भरोसा है। उस दिन जो हुआ था उसे सबने देखा था। दंपित ने रॉकी यादव के लिए फांसी की सजा की मांग की है।
सभी 5 गवाह अपने बात से मुकर गए
आदित्य सचदेवा के दोस्तों में समेत सभी 5 गवाह अपने बात से मुकर गए हैं। बता दें कि 17 वर्षीय आदित्य सचदेवा अपने चार अन्य दोस्तों के साथ बर्थडे पार्टी मना कर कार से वापस गया लौट रहा था। इसी दौरान उनकी गाड़ी के पीछे आ रहे एसयूवी में सवार रॉकी यादव ने पास मांगा था। पास ना मिलने पर पर रॉकी यादव ने आदित्य सचदेवा और उनके दोस्तों की गाड़ी रुकवाई और आदित्य सचदेवा को गोली मारकर उसकी हत्या कर दी।
चारों ने कहा था कि आदित्य की हत्या रॉकी यादव ने की
आदित्य के दोस्त आयुष , अंकित, नसीर और कैफी ने घटना के बाद धारा 164 के तहत मजिस्ट्रेट के सामने अपना बयान दर्ज कराया थे। अपने बयान में चारों ने कहा था कि आदित्य की हत्या रॉकी यादव ने की है। लेकिन उसके बाद 15 दिनों के भीतर ही सभी अपने बयान से पलट गए।