बिहार: भैंस पर बैठकर चुनाव प्रचार करने निकले उम्मीदवार को पुलिस ने किया गिरफ्तार, बचाव में यह बोले
गया। बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर गया जिले में एक उम्मीदवार भैंस पर बैठकर चुनाव प्रचार के निकला। जिसकी सूचना मिलने पर पुलिस वहां आ पहुंची। उम्मीदवार के खिलाफ पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के तहत एवं कोविड-19 के दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने के लिए मामला दर्ज किया गया। गिरफ्तारी होने पर उम्मीदवार ने अपनी सफाई में कहा कि, हमने भैंस की सवारी करके गलत नहीं किया। बल्कि ऐसा करके हम राजनेताओं को आईना दिखाना चाहते थे, क्योंकि गया बिहार के सबसे गंदे शहरों में से एक है।
यह उम्मीदवार थे राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल पार्टी के नेता मोहम्मद परवेज मंसूरी। वह 45 वर्ष के हैं। उन्होंने सोमवार को गया टाउन से अपने चुनावी क्षेत्र में चुनाव प्रचार के लिए एक भैंस की सवारी की थी।जैसे ही वह गांधी मैदान से स्वराजपुरी रोड पर पहुंचे, पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया और आईपीसी की धारा-269 (खतरनाक बीमारी के संक्रमण फैलने की स्थिति में लापरवाही से काम करने) एवं पशु-क्रूरता निवारण अधिनियम जैसी धाराओं में केस दर्ज किया। हालांकि, मंसूरी को बाद में जमानत पर रिहा भी कर दिया गया।
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गिरफ्तारी पर मंसूरी ने अपने विरोधी नेताओं को निशाने पर लिया। उन्होंने आरोप लगाया कि एनडीए के उम्मीदवार प्रेम कुमार जो 30 साल से विधायक हैं और कांग्रेस उम्मीदवार मोहन श्रीवास्तव जो 15 साल तक गया के डिप्टी मेयर रहे हैं, वे गया में विकास करने में असफल रहे। तो हम ऐसे राजनेताओं को आईना दिखाना चाहते थे, क्योंकि आज गया बिहार के सबसे गंदे शहरों में से एक है।' मंसूरी ने आगे दावा किया कि अगर हम चुनाव जीते तो शहर प्रदूषण मुक्त बन जाएगा।
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वहीं, गया के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजीव मिश्रा का बयान आया। उन्होंने कहा कि मंसूरी और उनके समर्थकों के खिलाफ सिविल लाइंस पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज की गई है। इन लोगों ने जो किया है वह जुर्म पशुओं पर होने वाली क्रूरता की रोकथाम के अधिनियम के अंतर्गत आता है। उन लोगों ने इस अधिनियम का उल्लंघन किया। ऐसे में पुलिसिया कार्रवाई भी उसी ढंग से आगे बढ़ेगी।