नक्सली ट्रेनिंग के दौरान हुआ प्यार, बंदूक छोड़कर दोनों कैंप से भागे और बन गए मोहब्बत की मिसाल
अंगुल (ओडिशा)। कहते हैं प्यार की ना कोई उम्र होती है और ना ही कोई जगह। जिंदगी में कभी भी किसी भी पर मोड़ प्यार हो सकता है। भले ही हालात कैसे भी हो। ऐसा ही कुछ ओडिशा की 19 वर्षीय जॉली देहुरी और 26 वर्षीय छोटू गंजू के साथ हुआ। दोनों के बीच प्यार के बीज तब पनपे जब वे नक्सली कैंप में ट्रेनिंग ले रहे थे। दोनों ने बंदूक उठा रही थी। इसी दौरान एक-दूसरे के करीब आ गए। लेकिन नक्सलियों ने उनके प्यार को मंजूर नहीं किया तो दोनों ने बगावत की और कैंप छोड़कर भाग गए। फिर इसी बुधवार को मंदिर में रचा ली।
मोहब्बत की मिसाल सी लगने वाली यह कहानी वर्ष 2018 में ओडिशा के अंगुल जिले के टिकरापाड़ा क्षेत्र नक्सलियों के संबलपुर-देवगढ़-सुंदरगढ़ डिवीजन के कैडर की जॉली देहुरी और छोटू गंजू को एक दूसरे से नक्सली प्रशिक्षण के दौरान प्यार हो गया। जब यह बात नक्सलियों के कमांडर को पता चली तो उन्होंने इस प्यार को शादी में बदलने की मंजूरी नहीं दी।
अपने प्यार को पाने के लिए दोनों नक्सली प्रशिक्षण कैंप से भाग आए और पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। फिर जॉली टिकरापाड़ा पंचायत के माज़ीपाड़ा गांव में अपने घर चली गई और प्रेमी छोटू अंगुल में रहने लग गया था। इस दौरान दोनों ने अपने-अपने घरों रिश्ते के बारे में बताया। बुधवार को हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार दुल्हन के गांव के चम्पेश्वर मंदिर में शादी के बंधन में बंध गए। सैकड़ों ग्रामीण इस प्रेम विवाह के साक्षी बने और दूल्हा-दुल्हन को नए जीवन के लिए आशीर्वाद दिया।
शादी में एनवक्त पर दूल्हे की मौत, बारात रवानागी के समय निकली शवयात्रा