पुरी जगन्नाथ मंदिर प्रबंध समिति ने जगन्नाथ हेरिटेज कॉरिडोर के अंतिम डिजाइन पर लगाई मोहर
पुरी जगन्नाथ मंदिर प्रबंध समिति ने सोमवार को श्री जगन्नाथ हेरिटेज कॉरिडोर (SJMC) की वास्तुशिल्प डिजाइन को अंतिम रूप दे दिया।
भुवनेश्वर। पुरी जगन्नाथ मंदिर प्रबंध समिति ने सोमवार को श्री जगन्नाथ हेरिटेज कॉरिडोर (SJMC) की वास्तुशिल्प डिजाइन को अंतिम रूप दे दिया। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने 30 दिसंबर, 2019 को इसकी डिजाइन का मसौदा जारी किया था। बता दें कि केंद्र द्वारा पुरी मंदिर के लिए विवादास्पद मसौदा विरासत उप-कानूनों की नवीनतम वापसी के मद्देनजर समिति द्वारा डिजाइन को मान्यता दी गई है।
800 करोड़ की लागत से बनने वाले इस कॉरिडोर के निर्माण के तहत एक श्री जगन्नाथ स्वागत केंद्र का निर्माण, भक्तों के लिए सुविधाएं और मठ मंदिरों का विकास किया जाएगा। पुरी को वर्ल्ड क्लास हैरिटेज सिटी के रूप में विकसित करने के लिए यह परियोजना बुनियादी सुविधाओं और विकास की विरासत और वास्तुकला (ABADHA) योजना के विस्तार का ही हिस्सा है।
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मंदिर के मुख्य प्रशासक कृष्ण कुमार ने कहा, जगन्नाथ हेरिटेज कॉरिडोर में एक 75 मीटर का हॉल होगा। उन्होंने कहा कि इस परियोजना का उद्देश्य मेघनादा पचेरी (बाहरी सीमा की दावार) के चारों ओर विस्तृत, अविकसित गलियारों का निर्माण करना है ताकि लोग मंदिर, नीलचक्र और मेघनदा पचेरी के दर्शन कर सकें। उन्होंने आगे कहा कि जगन्नाथ हेरिटेज कॉरिडोर के तहत तीर्थयात्रियों की सुविधाओं और मंदिर की सुरक्षा के लिए आवश्यक ढांचे को मजबूत किया जाएगा।
हैरिटेज हॉल को नौ भागों में विभाजित किया जाएगा, जिसमें पैनोरमा जोन, प्रदक्षिणा पथ, बाह्या प्रदक्षिणा पथ, सार्वजनिक आराम क्षेत्र, सर्विस लेन और पैदल मार्ग शामिल किए जाएंगे। हेरिटेज हॉल के जाप प्लाजा को एक बड़े खुले क्षेत्र के रूप में विकसित करने का प्रस्ताव रखा गया है क्योंकि मंदिर के कई उत्सव एक साथ होते हैं और यहीं से रथ यात्रा भी शुरू होती है।