रेत खनन माफियाओं पर लगाम लगाने के लिए नई रेत नीति पर काम कर रही ओडिशा सरकार
रेत खनन माफियाओं पर लगाम लगाने के लिए ओडिशा सरकार ने कमर कस ली है। सरकार जल्द ही एक रेत नीति पेश करेगी जो वैज्ञानिक खनन के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करेगी और बालू के स्रोत से गंतव्य स्थल तक की ट्रैकिंग कराएगी
भुवनेश्वर, 2 अगस्त। रेत खनन माफियाओं पर लगाम लगाने के लिए ओडिशा सरकार ने कमर कस ली है। सरकार जल्द ही एक रेत नीति पेश करेगी जो वैज्ञानिक खनन के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करेगी और बालू के स्रोत से गंतव्य स्थल तक की ट्रैकिंग कराएगी। इसके साथ ही नई रेत नीति के उल्लंघनकर्ताओं और बालू खनन माफियाओं को कठोर दंड दिया जाएगा ताकि अवैध खनन पर अंकुश लगाया जा सके। राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग ओडिशा रेत नीति 2021 पर काम कर रहा है, जो न केवल वैज्ञानिक खनन और रेत के प्रबंधन को संस्थागत रूप देगा, बल्कि स्रोत से अंतिम उपयोगकर्ताओं तक आवाजाही की निगरानी के लिए आईटी-सक्षम सेवाओं का उपयोग करेगा।
हालांकि सतत रेत खनन प्रबंधन दिशानिर्देश (एसएसएमएमजी) 2016 और रेत खनन के लिए प्रवर्तन और निगरानी दिशानिर्देश (ईएमजीएसएम) 2020 में रेत के खनन के लिए जिला सर्वेक्षण रिपोर्ट (डीएसआर) की मांग की गई है, लेकिन अब तक राज्य में इसका बहुत कम या कोई पालन नहीं हुआ है। राज्य की एक लघु खनिज नीति है, लेकिन उसमें अवैध खनन को रोकने के लिए कोई विशेष प्रावधान नहीं हैं। नई रेत नीति में नदी तल सामग्री और अन्य रेत संसाधनों की सूची और नदियों का आवधिक लेखा परीक्षण करने का भी प्रावधान है। नई खनन नीति के अनुसार पर्यावरण और सामाजिक कारकों को ध्यान में रखते हुए खनन किया जाएगा। इसके अलावा खनन के लिए ऐसे क्षेत्र पट्टे पर दिये जाएंगे जो सुरक्षा मानकों की अनदेखी न करें। मशीनीकृत सक्शन और धमाके के माध्यम से खनन की अनुमति नहीं दी जाएगी।
यह भी पढ़ें: ओडिशा सरकार ने नेशनल पार्कों और टाइगर रिजर्वों से पुनर्वास की सहायता राशि में किया इजाफा, अब मिलेंगे 15 लाख
इसके अलावा, आवाजाही और परिवहन मार्ग स्पष्ट रूप से निर्धारित किए जाएंगे ताकि गांवों और बस्तियों को प्रभावित न किया जा सके। नई रेत खनन नीति में नदी के तल और पर्यावरण की सुरक्षा को भी महत्व दिया जाएगा, साथ ही ऐसी भी व्यवस्था की जाएगी जिससे की खनन में पूरी पारदर्शिता लाई जा सके। रिमोट सेंसिंग टेक्नोलॉजी और फील्ड एजेंसियां खनन के लिए उपयुक्त रेत स्रोतों की पहचान करेंगी, जबकि नदी प्रणालियों, रेत के बेड पैटर्न, आकृति विज्ञान और स्थानीय स्थलाकृति का अध्ययन किया जाएगा ताकि स्थिरता सुनिश्चित की जा सके। राजस्व विभाग के सूत्रों ने बताया कि नीलामी ओडिशा माइनर मिनरल रूल्स 2016 के अनुसार की जाएगी, जबकि क्लस्टर में स्रोत मौजूद होने पर व्यक्तिगत खदानों पर क्लस्टर खनन को प्राथमिकता दी जाएगी।
इसके अलावा एनजीटी के दिशा निर्देशों का भी खास ख्याल रखा जाएगा। अवैध खनन और तस्करी के दौरान इस्तेमाल होने वाले वाहनों और उपकरणों के साथ-साथ उत्खनन करने वालों पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा। 25 लाख रुपये से अधिक और 5 साल से कम पुरानी मशीनों के लिए 4 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है। जब्त किए गए वाहनों को जब्ती के एक माह बाद छोड़ने का विकल्प होगा।