टोक्यो ओलंपिक में भारतीय हॉकी का दुनिया ने माना लोहा, ओडिशा सरकार की इसमें है अहम भूमिका
भुवनेश्वर, अगस्त 03। टोक्यो ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम ने जो कर दिखाया है, उसे देख दुनिया वाकई हैरान है फिर चाहे वो महिला टीम हो या फिर पुरुष टीम। रविवार को भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने ग्रेट ब्रिटेन को हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई थी। हालांकि सेमीफाइनल में पुरुष टीम ब्राजील के हाथों हार का सामना करना पड़ गया, लेकिन अभी महिला टीम का मैच बाकी है। महिला टीम ने भी ऑस्ट्रेलिया को मात देकर सेमीफाइनल में जगह बनाई है।
भारतीय हॉकी के आज इस लेवल को देखकर आज दुनिया हैरान है। पिछले तीन दशक से भारतीय हॉकी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वो मुकाम नहीं मिल पा रहा था, जो इस ओलंपिक में मिला है और इसके लिए हमारे खिलाड़ियों के साथ-साथ ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक का बहुत बड़ा योगदान है। भारतीय हॉकी के पुनरुद्धार का क्रेडिट नवीन पटनायक को मिलना ही चाहिए। नवीन पटनायक का हॉकी प्रेम किसी से छिपा नहीं है। आपको बता दें कि नवीन पटनायक अपने स्कूल के दिनों में हॉकी के गोलकीपर थे। इसी हॉकी प्रेम की वजह से उन्होंने फैसला किया था कि ओडिशा भारतीय हॉकी को प्रायोजित करेगा।
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने 2018 में ओडिशा को भारतीय हॉकी का प्रायोजक बनाया था। ये वो वक्त था, जब देश अन्य खेलों का महिमामंडन कर रहा था। नवीन पटनायक ने ना केवल भारतीय हॉकी को वित्त और बुनियादी ढांचे के साथ समर्थन दिया, बल्कि राज्य में जमीनी स्तर पर भी इस खेल मूलभूत सुविधाएं दी गईं। टोक्यो ओलंपिक से पहले भारतीय पुरुष हॉकी टीम के संरक्षक श्रीजेश पीआर ने कहा था कि ओडिशा भारतीय हॉकी टीम का दूसरा घर है।
श्रीजेश पीआर ने कहा कि ओडिशा को आज दुनिया खेलों के केंद्र के रूप में देखती है, ये राज्य सुपर स्पोर्ट्स हब है। जब हम ओडिशा में प्रशिक्षण लेते हैं, तो यह हमारे दूसरे घर जैसा लगता है। ओडिशा में आप अगर किसी बच्चे से पूछेंगे कि वो क्या करना चाहता है तो कोई नहीं कहेगा कि वो आईएएस अधिकारी या सरकारी नौकरी नहीं करना चाहते। वे सभी खेल खेलना चाहते हैं क्योंकि उन्होंने अब देखा है कि आप खेल के माध्यम से अच्छी चीजें प्राप्त कर सकते हैं।