ओडिशा में 4,000 से अधिक बस्तियां बनेंगी राजस्व गांव, मिलेगा सभी सरकारी योजनाओं का लाभ
फरवरी 2022 में होने वाले अगले पंचायत चुनावों से पहले, राज्य में 4,000 से अधिक बस्तियों को राजस्व गांव घोषित किया जाएगा।
भुवनेश्वर, 29 जुलाई। फरवरी 2022 में होने वाले अगले पंचायत चुनावों से पहले, राज्य में 4,000 से अधिक बस्तियों को राजस्व गांव घोषित किया जाएगा। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने गांवों से नए राजस्व गांवों के निर्माण की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के लिए राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग (DoR&DM) के एक प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
इस कदम से राज्य भर में बस्तियों में रहने वाले बड़ी संख्या में लोगों को सरकारी योजनाओं और लाभों का विस्तार सुनिश्चित होगा। प्रमुख सचिव राजस्व विष्णुपद सेठी द्वारा जारी नए दिशा-निर्देशों के अनुसार मूल राजस्व गांव से आधा किलोमीटर की दूरी पर स्थित व 250 से अधिक आबादी वाले गांव को ही नया राजस्व ग्राम घोषित किया जाएगा।
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वहीं एक प्राकृतिक अवरोध द्वारा मूल गांव से अगल किय गए एक गांव को एक नए राजस्व गांव के रूप में पुनर्गठित किया जा सकता है भले ही उसकी आबादी 250 से कम हो। सेठी ने एक सर्कुलर के माध्यम सभी जिलाधिकारियों को सलाह दीहै कि वे मौजूदा मूल गांव से नए राजस्व गांव के निर्माण के लिए गोचर और सांप्रदायिक भूमि के लिए आरक्षण सीमा पर जोर न दें।
हालांकि
नवनिर्मित
गांव
के
निवासियो
की
अभी
भी
मौजूदा
गोचर
और
मूल
गांव
में
स्थित
सामुदायिक
भूमि
तक
पहुंच
होगी।
सेठी
ने
स्पष्ट
किया
कि
सभी
सांप्रदायिक
और
गोचर
भूमि
दोनों
गांव
के
लिए
सामान्य
संपत्ति
संसाधन
होगी।
मौजूदा
राजस्व
कानूनों
के
तहत,
एक
गांव
से
एक
नया
राजस्व
गांव
बनाने
के
संबंध
में
गोचर
और
सांप्रदायिक
उद्देश्य
के
लिए
एक
विशेष
सीमा
तक
भूमि
के
आरक्षण
के
लिए
कोई
विशेष
प्रावधान
नहीं
है।
पंचायती
राज
विभाग
के
अनुसार
राज्य
में
कुल
53,845
राजस्व
गांव
हैं।