सतना: मतदाताओं ने BJP विधायक के बेटे के मुंह पर कहा- रोड नहीं तो वोट नहीं
सतना, 4 जुलाई: जिले के सोनवारी में सड़क की मांग को लेकर गांव के मतदाताओं ने बीजेपी विधायक के प्रत्याशी बेटे की राह रोक दी है और मतदान के बहिष्कार का ऐलान कर दिया है। गांव के मतदाताओं ने विधायक के प्रत्याशी बेटे की राह रोक दी है। गांव वालों का कहना है कि बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी को सोनवारी की बदहाली की जानकारी है। इसके बावजूद वर्षों के कार्यकाल में विधायक नारायण त्रिपाठी ने अब तक इसकी सुध तक नहीं ली।
विधायक बेटे का ग्रामीणों ने रोका रास्ता
सियासत की सुर्खियों में रहने वाले मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी भले ही अपनी मांगों मुद्दों और सियासी पैंतरेबाजियो से अपनी ही सरकार की मुश्किलें बढ़ाते रहते हैं लेकिन इस बार उनके ही क्षेत्र में ग्रामीणों ने उनके और उनके बेटे की राह में रोड़ा अटका दिया है।गांव के मतदाताओं ने विधायक के प्रत्याशी बेटे की राह रोक दी है। और मतदान के बहिष्कार का ऐलान कर दिया।
ग्रामीणों ने कहा रोड नहीं तो वोट नहीं
प्रत्याशी के मुंह पर ही कह दिया कि रोड नहीं तो वोट नहीं। मामला मेहर जनपद के वार्ड नंबर 1 सोनवारी का है जहां मतदाताओं का गुस्सा सड़क पर आ गया है। सोनवारी के मतदाताओं ने गांव में प्रवेश के रास्ते बंद कर दिए हैंसड़क नहीं तो वोट नहीं के नारे के साथ मतदान बहिष्कार का ऐलान कर पोस्टर ड्राइंग दिए हैं।मैहर जनपद के इस वार्ड में मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी के पुत्र विकास त्रिपाठी बीजू चुनावी मैदान में उतरे हैं। विकास इस वार्ड से प्रत्याशी हैं। हालांकि विरोध ना तो विधायक का है ना ही उनके प्रत्याशी बेटे का। लोगों का गुस्सा तो सड़क को लेकर था।वैसे आक्रोश इसलिए भी हो सकता है कि यहां विधायक भी लगातार नारायण त्रिपाठी ही है।
गांव में नहीं है मूलभूत सुविधाएं
बताते हैं कि यहां ना चलने के लिए पक्का रास्ता है और ना ही बुनियादी सुविधाएं।चुनौती दौर में वोट मांगने के लिए प्रत्याशियों का आवागमन इसी रास्ते से हो रहा है लिहाजा इस बार ग्रामीणों ने अब प्रत्याशियों का आवागमन रोक दिया है।
ग्रामीणों ने बहिष्कार का बैनर टांगा
गांव वालों का कहना है कि बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी को सोनवारी की बदहाली की जानकारी है। इसके बावजूद वर्षों के कार्यकाल में विधायक नारायण त्रिपाठी ने अब तक इसकी सुध तक नहीं ली। अब इस बार उनके बेटे भी चुनाव मैदान में है। नए वादे पर हम ग्रामीण क्यों भरोसा करें। जब पिछले वादे ही पूरे नहीं हुए। बीजेपी विधायक ने आखिर अपने कार्यकाल में क्यों नहीं सोचा कि इस बदहाल रास्ते से ग्रामीण कैसे आते जाते होंगे। अब चुनाव आया तो वोट मांगने चले आए। इसीलिए हम लोगों ने बहिष्कार किया है।
प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे
ग्रामीणों के विरोध के बाद प्रशासन जागा और मौके पर समझाइस हेतु पटवारी को मौके पर भेजा जहां पटवारी द्वारा लोगो को समझाइस देने की कोशिश की गई, किन्तु ग्रामीणों का कहना था कि चुनाव के बाद कोई समस्या को देखने सुलझाने नही आता आज 32 वर्ष बीत गए लेकिन चाहे सरपंच हो जनपद सदस्य हो जिला पंचायत सदस्य हो विधायक सांसद हो कोई हमारी बातो पर चुनाव के बाद ध्यान नही देता। मजबूरी बस हमे आज वोट का बहिष्कार कर गाव की सीलबंदी की गई जिससे कोई वोट मांगने न आये। फिलहाल प्रशासनिक अधिकारियों की समझाइश के बाद अभी ग्रामीणों ने अपना आंदोलन शांत किया है
8 जुलाई को मतदान
सतना जिले में तीसरे और अंतिम चरण 8 जुलाई को रामपुर बाघेलान और मैहर विकासखण्ड की पंचायतों में मतदान कराया जाएगा। जिसका परिणाम 14 जुलाई और 15 जुलाई को घोषित किए जाएंगे।