विजय सहरिया हत्याकांड गुना : MP में अब अनुसूचित जनजाति के लोगों से कर्ज नहीं वसूल सकेंगे साहूकार
भोपाल। मध्य प्रदेश के गुना जिले में आदिवासी समाज के विजय सहरिया की हत्या के बाद प्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। अब मध्य प्रदेश में अनुसूचित जनजाति के लोगों के लोगों को अवैध तरीके से दिए गए कर्ज की वसूली आसान नहीं होगी।
सीएम चौहान ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की
बता दें कि गुना जिले के बमोरी में अनुसूचित जनजाति के युवक विजय सहरिया को साहूकार किसान ने पांच हजार रुपए के कर्ज के चलते जिंदा जला दिया था। हर किसी को झकझोर देने वाला यह मामला सामने आने के बाद मध्य प्रदेश मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की और परिवार के मदद की घोषणा भी की।
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विजय सहरिया की पत्नी को मिलेगी सरकारी नौकरी
मीडिया से बातचीत में सीएम चौहान ने कहा कि पीड़ित परिवार को पूरा संरक्षण दिया जाएगा। विजय की पत्नी को सरकारी नौकरी देंगे। 8 लाख 25 हज़ार की राशि जो अधिनियम के तहत मिलेगी उसमें से आधी दी गई है और आधी बाद में दी जाएगी। संबल योजना के अंतर्गत 4 लाख रुपए और दिया जाएगा।
तीन साल की सजा का प्रावधान
सीएम ने विजय सहरिया हत्याकांड में जांच के निर्देश भी दिए हैं। उन्होंने कहा कि हम अपने गरीब भाई-बहनों के साथ अन्याय नहीं होने देंगे। अवैध रूप से बिना लाइसेंस के दिए गए कर्ज़ वसूले नहीं जा सकेंगे। जहां इस तरह के प्रयास होंगे, वहां हम कड़ी कार्रवाई करेंगे। अगर कोई ऐसा करेगा तो उसे 3 साल की सज़ा दी जाएगी। साथ ही सीएम चौहान ने आग्रह किया कि जहां भी इस तरह की कर्ज वसूली की घटना हो तो पीड़ित परिवार प्रशासन को सूचित करें।
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क्या है विजय सहरिया हत्याकांड
जानकारी के अनुसार गुना जिले के बमोरी ब्लॉक के गांव उकावद खुद निवासी आदिवासी युवक विजय सहरिया गांव के ही राधेश्याम लोढ़ा से तीन साल पहले पांच हजार रुपए उधार लिए थे। इसके बदले वह बड़े किसान व रसूखदार के खेत में बंधुआ मजदूर के तौर पर काम कर रहा था। शुक्रवार रात पैसों को लेकर हुए विवाद के बाद बीच गांव में मंदिर के सामने केरोसिन डालकर उसे जिंदा जला दिया। जली हुई हालत में उसे जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां देर रात दम तोड़ दिया।
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