ऐसा हाई-वे कि पेट का पानी भी न हिले, यदि स्पीड बढ़ी तो गाड़ी हो जाएगी खड़ी, जानें इसकी खूबियाँ
दिल्ली से वडोदरा के 1000 किलोमीटर लंबा हाइवे मप्र के कई रास्तों से भी गुजरेगा। गरोठ-झाबुआ और उसके आसपास इलाके से गुजरने वाले इस हाई-वे का बीस फीसदी काम पूरा होना बाकी है।
भोपाल, 21 जुलाई: मध्यप्रदेश के गरोठ-झाबुआ से होकर गुजरने वाले 8 लेन हाइवे पर बहुत जल्द वाहन फर्राटे तो भरेंगे, लेकिन ओवर स्पीड हुई तो वाहन चालक की मुश्किलें बढ़ जाएंगी। दरअसल दिल्ली-वडोदरा के 8 लेन हाई-वे में हर पांच किलोमीटर पर वाहनों की स्पीड मॉनिटरिंग होगी। गाड़ी की स्पीड 120 किलोमीटर के ऊपर जाते ही अगले प्वाइंट पर पहुँचते ही कार्रवाई होगी।
MP से गुजरने वाला पहला 8 लेन High-Way
दिल्ली से वडोदरा के 1000 किलोमीटर लंबा हाइवे मप्र के कई रास्तों से भी गुजरेगा। गरोठ-झाबुआ और उसके आसपास इलाके से गुजरने वाले इस हाई-वे का बीस फीसदी काम पूरा होना बाकी है। उसके बाद नेशनल हाईवे अथॉरिटी से हरी झंडी मिलते ही इसे चालू कर दिया जाएगा। आठ लेन वाला यह पहला हाई-वे होगा जो मप्र के शहरों की सीमा को छूते हुए गुजरेगा। NHAI लगभग 11 हजार करोड़ की लागत से इसे बना रहा है। चंबल पुल का काम बारिश के बाद पूरा होने की संभावना है। रतलाम जिले के नजदीक से भी यह निकल रहा है।
ऐसा हाई-वे कि पेट का पानी भी न हिले
इस हाई-वे का इस ढंग से निर्माण कराया गया है कि इस पर तेज रफ़्तार दौड़ने वाले वाहनों को कोई परेशानी न हो। विशेष तकनीक और हाई-वे की भौगोलिक परिस्थितियों को हिसाब से इसका निर्माण कराया गया है। यदि कोई वाहन चालक निर्धारित अधिकतम स्पीड पर भी अपना वाहन चलाता है, तो वाहन में सवार व्यक्ति को यह महसूस ही नही होगा कि गाड़ी चल रही है। एक तरह से जर्क लैस सफ़र होगा, यहाँ तक कि लोगों के पेट का पानी भी न हिले।
हर किमी पर कैमरे और 5 किमी पर स्पीड मीटर
ख़ास बात यह है कि हवा की माफिक गाड़ियाँ दौड़ाने के मुफीद इस हाई-वे पर आप निर्धारित स्पीड पर ही गाड़ी चला सकते है। अधिकतम स्पीड 120 किमी प्रति घंटे रखी गई। यदि कोई वाहन चालक ने इससे ज्यादा गति में गाड़ी चलाई तो उसके खिलाफ अगले स्टॉपेज पर चालानी कार्रवाई से गुजरना होगा। हर एक किलोमीटर पर हाईवे को उच्च तकनीक कैमरों से लैस किया गया है। जिसकी रेंज 500 मीटर यानि आधा किमी तक होगी।