शिवसेना के मुखपत्र सामना में मप्र सरकार की अनाथ बच्चों को पेंशन व शिक्षा देने वाली योजना की तारीफ
भोपाल, 15 मई। शिवसेना के मुखपत्र सामना का सम्पादकीय लेख अक्सर सुर्खियों में रहता है। सामना में इस बार मध्य प्रदेश शिवराज सिंह चौहान और 1984 सिख विरोध दंगों का जिक्र हुआ है। शिवराज सिंह चौहान सरकार ने गुरुवार को ऐलान किया था कि कोरोना महामारी के दौरान माता-पिता और अभिभावकों को खो देने वालों बच्चों को हर माह पांच हजार रुपए की पेंशन और निशुल्क शिक्षा मुहैया करवाई जाएगी।
इस पर सामना में लिखा गया है कि मध्य प्रदेश सरकार का यह फैसला यह अन्य राज्यों के लिए एक आदर्श हो सकता है। राज्य और केंद्र सरकारों को उन बच्चों का संज्ञान लेना होगा जो कोविड -19 के कारण अनाथ हो गए थे और उन्हें 'मानवता की ढाल' दी जानी चाहिए।
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सामना के संपादकीय में लिखा है कि 'कई बच्चे इस बात से अनजान हैं कि उनके माता-पिता जो कोविड से लड़ रहे हैं, वे अस्पताल से नहीं लौट सकते। सरकार को इन अनाथ बच्चों का अभिभावक बनकर उनकी देखभाल करनी होगी। चाहे केंद्र सरकार हो या राज्य, उन्हें इन बच्चों पर ध्यान देना होगा और उन्हें मानवता की ढाल देनी होगी जिस तरह से मध्य प्रदेश के शिवराज चौहान ने किया है।'
सामना में सिख विरोधी दंगों का भी जिक्र
शिवसेना के मुखपत्र में गुजरात भुकंप और 1984 के सिख दंगों का भी जिक्र किया गया है। दोनों ही घटनाओं में भी बड़ी संख्या में बच्चे अनाथ हुए थे। इनके अलावा चक्रवात, तूफान, हादसों में भी मां-बाप गुजर जाते हैं व मासूम बच्चे बेसहारा हो जाते हैं। इन सभी अनाथ बच्चों के भविष्य के बारे में पालक की हैसियत से सरकार को ही सोचना होगा। कोरोना महामारी में मध्य प्रदेश की सरकार ने शानदार पहल की। शिवराज सिंह चौहान का आभार!