शिवराज ने सरकार को फिर दी चेतावनी, कहा-'गायों पर राजनीति ना करें कमलनाथ'
Bhopal News, भोपाल। लोकसभा चुनाव 2019 से पहले गायों को लेकर फिर सियासत गर्मा गई है। हाल ही में कमलनाथ सरकार ने ऐलान किया था कि मध्य प्रदेश में चार माह में एक हजार गोशालाएं खोलने के साथ ही हर गाय के लिए 20 रुपए का अनुदान भी दिया जाएगा। सरकार के इस फैसले का पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्वागत किया है। साथ ही चेतावनी भी दी है कि गायों को लेकर कोई राजनीति ना होनी चाहिए। उनके दाने, पानी और चारे की सही व्यवस्था होनी चाहिए वरना हम देखेंगें फिर।
दरअसल, शुक्रवार को भोपाल में मीडिया से चर्चा के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि गाय आस्था और श्रद्धा का विषय है। सीएम कमलनाथ गाय को राजनीतिक मुद्दा न बनाएं। मैं उनके गोशाला खोलने के कदम का स्वागत करता हूं, लेकिन साथ ही यह भी जरूरी है कि गायों के दाने, पानी, चारे का समुचित इंतजाम हो, वरना गोमाता की असमय मौत हो जाती है। हालांकि उन्होंने कहा कि हम किसी पर कोई आरोप प्रत्यारोप नहीं लगा रहे हैं, लेकिन इशारों ही इशारों में कमलनाथ सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर ऐसा हुआ तो फिर हम देखेंगें।
सिमी जैसे तत्व फिर से एक्टिव होने लगे हो
वहीं प्रदेश में हो रही एक के बाद घटना को लेकर शिवराज ने चिंता जाहिर की। कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करते हुए उन्होंने कहा कोई आश्वस्त है कि अब प्रदेश में दूसरी सरकार आ गई है, अब हमारा कुछ नहीं बिगड़ेगा। कहीं ऐसा तो नहीं कि सिमी जैसे तत्व तो फिर से एक्टिव होने लगे हों, जो आतंक और अराजकता का माहौल बनाना चाहते हों। सरकार को इन पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए, बच्चों को बचाने आए लोगों पर मुकदमा दर्ज करने की जरूरत नहीं है।
गौरतलब है कि कमलनाथ सरकार योगी सरकार की तर्ज पर प्रदेश में गोशालाएं खोलने जा रही है। सरकार ने फैसला किया है कि अगले चार माह में मध्यप्रदेश सरकार एक हजार गोशाला बनवाएगी। इसमें एक लाख निराश्रित गोवंश की देख-रेख होगी और 40 लाख मानव दिवसों का निर्माण होगा। इसके लिए 450 करोड़ रुपये का प्रबंध किया जाएगा।
पहले चरण में सौ करोड़ रुपए इस काम में खर्च होंगे। आठ से 10 पंचायतों के बीच एक गोशाला बनाई जाएगी। प्रति गाय प्रतिदिन 20 रुपए तक की सबसिडी देने की तैयारी है। पशुपालन विभाग ने इसका प्रस्ताव तैयार कर लिया है।
मध्य प्रदेश की इन हजार गोशालाओं के लिए कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय एक समिति पहले जगह चिन्हित करेगी। इसके बाद वहां शेड, ट्यूबवैल, चारागाह विकास, बायोगैस प्लांट के इंतजाम किए जाएंगे। यहां आने वाले गायों के लिए चारे और पशु आहार का पर्याप्त व्यवस्था भी की जाएगी।