मध्य प्रदेश में अगले 20-25 सालों तक नहीं होगा बिजली संकट
सतना।
मध्य
प्रदेश
में
शिवराज
सिंह
चौहान
की
सरकार
का
दावा
है
कि
अगले
20-25
सालों
तक
राज्य
में
बिजली
संकट
नहीं
आयेगा।
यह
दावा
ऊर्जा
मंत्री
राजेंद्र
शुक्ल
ने
किया
है।
उन्होंने
कहा
कि
राज्य
सरकार
ने
मांग
से
अधिक
विद्युत
उपलब्धता
सुनिश्चित
करने
के
इंतजाम
किए
हैं,
लिहाजा
अगले
20-25
वर्षो
तक
प्रदेश
में
बिजली
संकट
नहीं
आएगा।
मंत्री
ने
विद्युत
संरक्षण
को
जन-आंदोलन
का
स्वरूप
देने
की
जरूरत
पर
बल
दिया।
सतना के निजी विश्वविद्यालय में रविवार को आयोजित समारोह में शुक्ल ने कहा कि मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य है, जो उद्योगों को निर्बाध रूप से 24 घंटे बिजली की आपूर्ति करने में सफल रहा है। प्रदेश में कृषि क्षेत्र और किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त बिजली मिलने से उत्पादन बढ़ा है।
ऊर्जा मंत्री ने बताया कि राज्य में वर्ष 2003 में कुल बिजली का उत्पादन 4600 मेगावाट था जो आज बढ़कर 13,398 मेगावाट हो गया है। राज्य सरकार के प्रयासों से बिजली का उत्पादन मार्च 2015 तक 15,000 मेगावाट हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि जीवश्म ईंधन से बिजली के उत्पादन के विकल्प के रूप में सरकार द्वारा सौर और पवन ऊर्जा की दिशा में भी प्रयास किए जा रहे हैं। प्रदेश में सौर ऊर्जा का 350 मेगावाट उत्पादन होता है, जिसे 2017 तक 2500 मेगावाट तथा पवन ऊर्जा का उत्पादन 3500 मेगावाट करने का लक्ष्य है।
उन्होंने कहा कि एशिया का सबसे बड़ा सौर ऊर्जा संयंत्र नीमच में स्थापित किया गया है। अब रीवा जिले के गुड क्षेत्र में विश्व का सबसे बड़ा सौर संयंत्र स्थापित होने वाला है जिसकी क्षमता 750 मेगावाट विद्युत उत्पादन की होगी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।