टीचर के ट्रांसफर पर बिलख-बिलखकर रोए बच्चे, गांववालों को भी आ गए उसकी विदाई में आंसू
भोपाल। मध्य प्रदेश में सागर संभाग के दमोह में एक शिक्षक का गांव के स्कूल से तबादला हो गया। शिक्षक जाने लगे तो बच्चे उससे लिपटकर बिलख-बिलखकर रोने लगे। वहीं, बच्चों के अभिभावक भी शिक्षक को विदाई देने स्कूल आए। बच्चों के पसंदीदा शिक्षक को जाता देख वे भी दुखी हो गए। बच्चों और अभिभावकों का प्यार देख शिक्षक की आंखों में भी आंसू बहने लगे। उनका स्टाफ भी उन्हें कहीं और नहीं जाने देना चाहता था।
संवाददाता के अनुसार, दमोह जिले के तेंदूखेड़ा ब्लाक के नौरादेही सेंचुरी इलाके में बसे आदिवासी गांव लमती मुरारी के सरकारी स्कूल से शिक्षक का तबादला हुआ। यहां सुंदरलाल अहीरवाल नाम के शिक्षक पिछले एक दशक से अपनी सेवाएं दे रहे थे। सुंदरलाल मूल रूप से टीकमगढ़ के रहने वाले हैं। ऐसे में जब सरकार ने उनका तबादला उनके गृह जिले में किया तो सुंदर गुरुवार को अपने स्कूल से रिलीव हुए। स्कूल के स्टाफ ने उनके लिए एक विदाई समारोह रखा। मगर, जैसे ही बच्चों ने सुंदर को जाते देखा तो उन्होंने रोना शुरू कर दिया। सुंदर लाल के यह बोलते ही कि मेरा वक्त आ गया है, बच्चे उनसे लिपट गए।
इस दौरान बच्चों के अभिभावक भी दुखी हो गए। अभिभावक उन्हें रोकने लगे और कहने लगे कि सुंदर की वजह से ही उनके गांव के बच्चे अच्छी तालीम सीख सके हैं। उन्होंने आदिवासियों के बच्चों को अच्छे से पढ़ाया है। मगर, सुंदर उनके बीच नहीं होंगे, यह जानकर हर कोई दुखी हो गया।
इससे पहले मध्य प्रदेश के कटनी जिले के ढीमरखेड़ा तहसील के झिन्नापिपरिया संकुल में तिलमन माध्यमिक शाला में भी ऐसा ही हुआ था।
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