मध्य प्रदेश : वरिष्ठ नेता सतीश सिंह सिकरवार ने भाजपा का साथ छोड़कर कांग्रेस का हाथ थामा
भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा उपचुनाव 2020 से पहले भाजपा को बड़ा झटका लगा है। वरिष्ठ भाजपा नेता सतीश सिंह सिकरवार मंगलवार को कांग्रेस में शामिल हो गए। सिकरवार के साथ ही उनके सैंकड़ों समर्थकों ने भी भाजपा का साथ छोड़कर कांग्रेस का हाथ थामा है।
जब सिंधिया ने गिरा दी थी कमलनाथ सरकार
वरिष्ठ नेता का साथ छूटने से मध्य प्रदेश भाजपा को ग्वालियर-चंबल अंचल में भाजपा की पकड़ कमजोर हुई है। यह वहीं अंचल है जहां से करीब 6 माह पूर्व कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने समर्थक विधायकों के साथ भाजपा ज्वाइन करके मध्य प्रदेश में कांग्रेस के कमलनाथ की सरकार गिरा दी थी।
सैकड़ों समर्थक भी कांग्रेस में शामिल
बता दें कि मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2018 में बतौर भाजपा प्रत्याशी भाग्य आजमा चुके सतीश सिंह सिकरवार ने मंगलवार को सैकड़ों समर्थकों के साथ भोपाल पहुंचकर पूर्व सीएम व कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। इस मौके पर संगठन प्रभारी चंद्र प्रभाष शेखर, पूर्व मंत्री रामनिवास रावत सहित कई बड़े नेता भी मौजूद रहे।
हराने वाले ने ज्वाइन की इनकी पार्टी
राजनीति में समीकरण बदलते देर नहीं लगती। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2018 के मैदान में ग्वालियर के पूर्व क्षेत्र से भाजपा की टिकट पर सिकरवार और कांग्रेस की टिकट पर मुन्ना लाल गोयल थे। मुन्ना लाल गोयल ने चुनाव जीता। फिर मुन्नालाल गोयल ने ज्योतिरादित्य के साथ भाजपा और सिकरवार ने अब कांग्रेस ज्वादन कर ली।
अब फिर हो सकते हैं आमने
मुन्नालाल गोयल के भाजपा में जाने के साथ ही यह चर्चा शुरू हो गई थी कि गोयल को मध्य प्रदेश उपचुनाव 2020 में ग्वालियर के पूर्व क्षेत्र से भाजपा मैदान में उतार सकती है जबकि अब सिकरवार के कांग्रेस में जाने के साथ ही यह चर्चा होने लगी है कि उन्हें इस बार कांग्रेस मौका दे सकती है।
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