मध्य प्रदेश में ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान, शिवराज सिंह चौहान सरकार ने दिए नुकसान के आंकलन के निर्देश
भोपाल। मध्य प्रदेश में 16 फरवरी को सुबह से कई जिलों में बारिश के साथ जमकर ओलावृष्टि हुई, जिससे किसानों की फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है। ओलावृष्टि की जानकारी मिलते ही कृषि मंत्री कमल पटेल ने संबंधित जिलों के कलेक्टर और कृषि अधिकारियों को किसानों की फसलों को हुए नुकसान का सर्वे कराने के निर्देश दिए। कृषि मंत्री कमल पटेल ने किसानों को आश्वस्त किया है कि ओलावृष्टि से रबी फसलों को जो भी नुकसान हुआ है, उसका मुआवजा सरकार की तरफ से किसानों को दिया जाएगा।
कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर ओलावृष्टि से प्रभावित फसलों के सर्वे के साथ फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी भी कराने के आदेश कलेक्टरों को दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि गांवों में क्षतिग्रस्त फसलों का आंकलन पंचायत प्रतिनिधियों की उपस्थिति में कराया जाएगा। प्रभावित किसानों को आरबीसी-6 (4) के अंतर्गत राहत राशि मिलेगी। कृषि मंत्री ने कहा कि शिवराज सरकार किसान हितैषी सरकार है। हर प्रभावित किसान को नियमानुसार नुकसान का मुआवजा मिलेगा इसकी जिम्मेदारी सरकार की है।
कई जिलों में हुई ओलावृष्टि से फसलों काफी नुकसान पहुंचा है. सबसे ज्यादा नुकसान चना, गेहूं और मसूर की फसल को हुआ है। ओलावृष्टि से सबसे ज्यादा मार सिवनी में जिले में पड़ी है, जबकि रायसेन, सागर, विदिशा, दतिया, भिंड और गुना जिले के कुछ गांवों में भी ओलावृष्टि हुई है। जिससे फसलों नुकसान पहुंचा है। हालांकि फसलों को कितना नुकसान पहुंचा है इसका आंकलन सर्वे के बाद ही लगाया जाएगा, लेकिन कृषि मंत्री कमल पटेल ने मुआवजा दिए जाने की घोषणा कर दिया है।
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मौसम विभाग ने शहडोल और होशंगाबाद संभाग समेत रीवा, सतना, छिंदवाड़ा, सिवनी, दमोह, सागर, रायसेन, सीहोर, भोपाल, गुना, दतिया और भिंड जिलों में ओले गिरने की संभावना जताई थी। इन सभी जिलों में सुबह से ही बारिश का दौर जारी था। जहां शाम होते-होते कई जगहों पर जमकर ओलावृष्टि भी हुई।