एमपी में हनी ट्रैप का 'खाकी' वर्जन, ये पुलिसवाले कॉल गर्ल से दोस्ती कर रसूखदारों को बिस्तर तक बुलाते, फिर...
भोपाल। मध्य प्रदेश के नेताओं, अफसरों, रसूखदारों और हुस्न की परियों की करतूत सामने लाने वाले बहुचर्चित हनी ट्रैप केस का अब 'खाकी' वर्जन सामने आया है। खबर है कि इस नए गिरोह में मुख्य भूमिका पुलिसवाले निभा रहे थे। इन पर कॉलगर्ल से सम्पर्क कर व्यापारियों और रखूसदारों को ट्रैप करते और फिर उन्हें ब्लैकमेल करने का आरोप है।
आरोपी टीआई निलंबित
कॉलगर्ल से ‘दोस्ती' कर लोगों को फंसाने वाले इस गिरोह के तार मध्य प्रदेश के अयोध्या नगर पुलिस थाने से जुड़े हैं। पुलिस की जांच में सामने आया कि अयोध्या नगर थाने के टीआई हरिश यादव व अन्य पुलिसकर्मियों के कॉल गर्ल से सम्पर्क थे। इन्होंने कॉल गर्ल के जरिए लोगों को ब्लैकमेल किया। वर्तमान में यादव सागर जिले के बहेरिया पुलिस थाने में प्रभारी हैं। मामला उजागर होने पर आईजी योगेश देशमुख ने शनिवार को टीआई के खिलाफ कार्रवाई के लिए सागर आईजी को पत्र लिखा था। इसके बाद सागर एसपी अमित सांघी ने यादव को निलंबित कर दिया है।
यूं हुआ खुलासा
बता दें कि 24 सितंबर 2019 को निशातपुरा पुलिस ने नीमा, रुबीना नाम की युवतियों समेत दो बदमाशों को गिरफ्तार किया था। पुलिस का दावा था कि युवतियां, निगरानी बदमाश अयोध्या नगर थाने के तत्कालीन टीआई हरीश यादव से मिलीभगत कर अपने अड्डे पर बुलाते हैं। इसके बाद आने वाले लोगों पर दुष्कर्म का केस दर्ज करने की धमकी देकर मोटी रकम ऐंठता हैं। पुलिस ने मामले की पड़ताल की तो परत दर परत खुलती गई।
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पहले प्रधान आरक्षक फिर टीआई करने लगा यह का
मीडिया रिपोर्टर्स की मानें तो ब्लैकमेलिंग गैंग से लिप्तता के आरोप में निलंबित अयोध्या नगर थाने के प्रधान आरक्षक रूबन राजू ने कालगर्ल से मिलकर ब्लैकमेल का धंधा शुरू किया था। राजू ने टीआई से मिलकर चार मामलों की डील कराई थी। इसके बाद टीआई खुद कालगर्ल से मिलकर ब्लैकमेल का धंधा करने लगे। प्रधान आरक्षक को किनारे कर दिया गया।
छह पुलिसकर्मियों की खंगाल रहे कुंडली
मीडिया से बातचीत में आईजी योगेश देशमुख ने बताया कि टीआई हरीश यादव समेत अन्य छह पुलिसकर्मियों कुंडली खंगाली जा रही है। इसके लिए डीआईजी भोपाल को पत्र लिखा है। निलंबित टीआई कहां-कहां पदस्थ रहे, कितनी महिलाओं के संपर्क में रहे, पदस्थापना के दौरान दर्ज किए केसों का परीक्षण कराया जा रहा है। सबूत मिलने पर अपराधिक केस दर्ज किया जाएगा।
गिरोह में किसकी क्या भूमिका
नीपा धोटे उर्फ प्रिया उर्फ नुपुर विश्वास (29) हीरापुर जिला बैतूल की रहने वाली है। इस पर दुष्कर्म करने की झूठी शिकायत कर व्यापारियों से रुपए ऐंठने का आरोप है। वहीं, नवाब कॉलोनी न्यूज सब्जी मंडी करोंद निवासी रिवाना उर्फ आबी उर्फ रिजवाना बेग (22) ग्राहकों को फंसाती थी। शिकार को जाल में फंसाना और उससे रकम वसूलना में निगरानी बदमाश रूपनारायण गिरी (44) विजय लक्ष्य होम्स खजूरी कलां साथ देता। आरके इन्कलेव बागमुगालिया निवासी दीपांकर मण्डल (43) पुलिसकर्मियों की मदद से अडड्डे पर आने वाले लोगों से अड़ीबाजी और वसूली करता।
इन चार तरीकों से काम कर रही थी गैंग
झूठा
मुकदमा:
कई
लोग
गैंग
से
संपर्क
करते
हैं।
दुश्मन
को
दुष्कर्म
के
झूठे
केस
में
फंसाने
के
लिए
सुपारी
देते
थे।
समझौता:
झूठे
मुकदमों
में
फंसे
व्यक्ति
के
जेल
से
छूटने
के
बाद
गिरोह
के
सदस्य
उससे
संपर्क
करते
थे।
कॉलगर्ल
से
कोर्ट
में
बयान
बदलने
का
वादा
कर
डील
कराते
थे।
पुलिस:
टीआई
से
लेकर
कई
पुलिसकर्मियां
की
लिप्तता।
अड्डे
पर
ग्राहक
के
पहुंचते
ही
उसे
जेल
भेजने
का
डर
दिखाकर
संबंधित
व्यक्ति
से
रुपए
ऐंठते
थे।
वीडियो:
गैंग
के
सदस्य
अड्डे
पर
आने
वाले
ग्राहकों
के
कॉलगर्ल
के
साथ
वीडियो
बना
लेते
हैं।
ये
वीडियो
पुलिसकर्मियों
को
देकर
डील
की
जाती
है।
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