मध्य प्रदेश सरकार का फैसला : आयुष्मान कार्ड के अभाव में खाद्यान पर्ची से मिलेगा फ्री इलाज
भोपाल, 7 मई। मध्य प्रदेश में आयुष्मान भारत के कार्ड धारकों को कोरोना का मुफ्त इलाज मुहैया कराने के लिए नई योजना शुक्रवार से लागू हो गई है। इसे मुख्यमंत्री कोविड उपचार योजना नाम दिया गया है। इसके तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना का मुफ्त इलाज मिलेगा। इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग ने विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। इसमें कहा गया है कि यदि कोई व्यक्ति आयुष्मान भारत योजना के लिए पात्र है, लेकिन उसका कार्ड नहीं बन पाया है, तो किसी भी राजपत्रित यानी गजेटेड अधिकारी के प्रमाणित करने पर अस्पताल में मुफ्त इलाज पा सकेगा।
स्वास्थ्य विभाग के आदेश के मुताबिक अभी तक सीटी स्कैन और एमआरआई जांच के लिए 5 हजार रुपए प्रति परिवार प्रतिवर्ष निर्धारित किया था। इसे अब 5 हजार रुपए प्रति कार्डधारी कर दिया गया है। प्रदेश में कोविड अस्पतालों की संख्या 579 है। योजना से मेडिसिन विशेषज्ञता वाले 268 अस्पताल ही आयुष्मान योजना के अंतर्गत संबद्ध किए हैं। इसके अलावा अब जिला स्वास्थ्य समिति अन्य अस्पतालों को 3 माह के लिए अस्थाई संबद्धता देने के लिए अधिकृत कर सकेगी।
प्रदेश में आयुष्मान कार्ड धारकों की संख्या 2 करोड़ 42 लाख है। यानी 96 लाख परिवारों को इसका लाभ होगा। कोरोना के इलाज के दौरान मरीज को भोजन, ऑक्सीजन, रेमडेसिविर इंजेक्शन, सीटी स्कैन समेत अन्य सुविधाएं भी योजना के तहत मुफ्त मिलेंगी।
हर जिले में नोडल अधिकारी नियुक्त
सरकार ने आयुष्मान कार्ड धारकों को मुफ्त इलाज मुहैया कराने के लिए हर जिले में नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। यह अधिकारी अपर कलेक्टर के समक्ष होगा। इसके साथ ही संबद्ध अस्पताल के लिए एक प्रभारी अधिकारी भी बनाया गया है। जिसे मरीज के अस्पताल में भर्ती होने से लेकर इलाज की मॉनिटरिंग करेंगे।
सरकारी
अस्पतालों
में
395
आईसीयू,
13,224
ऑक्सीजन
और
20,601
आइसाेलेशन
बेड
उपलब्ध
कराए
गए
हैं।
प्राइवेट
अस्पतालों
में
इस
योजना
के
कार्डधारकों
के
लिए
3,675
बेड
उपलब्ध
कराए
गए
हैं।
आयुष्मान
कार्ड
धारकों
के
लिए
योजना
से
संबद्ध
किए
गए
अस्पतालों
में
20%
बेड
रिजर्व
किए
गए
हैं।
इन्हें अस्पताल में मिलेगा मुफ्त इलाज
1
-
परिवार
के
किसी
सदस्य
का
आयुष्मान
कार्ड
या
खाद्यान
पर्ची
(जिससे
यह
पता
चले
कि
व
आयुष्मान
कार्ड
धारक
के
परिवार
का
सदस्य
है)।
2
-
समग्र
आईडी,
जिसमें
आयुष्मान
कार्ड
धारक
का
नाम
अंकित
हो।
3-
किसी
भी
शासकीय
विभाग
के
राजपत्रित
अधिकारी
का
प्रमाणीकरण
कि
मरीज
आयुष्मान
कार्ड
धारक
के
परिवार
का
सदस्य
है।