MP: गौ-कैबिनेट की पहली बैठक के बाद बोले सीएम शिवराज, दो हजार नए गौ आश्रमों का निर्माण करेगी राज्य सरकार
भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को गौ-संरक्षण और गौ-संवर्धन के लिए हाल ही में गठित की गई गौ-कैबिनेट की पहली बैठक ली। यह बैठक भोपाल से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से हुई। राज्य सरकार ने राज्य में गायों की सुरक्षा के लिए कैबिनेट का गठन करने का निर्णय लिया है। बैठक के बाद सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पशुओं से संबंधित विभागों के मंत्री और प्रमुख सचिव मिलकर गौ रक्षा और संवर्धन के लिए काम करेंगे। इस मुद्दे को केवल पशुपालन विभाग द्वारा ही नहीं देखा जा सकता है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश में लगभग 7 लाख से 8 लाख आवारा मवेशी हैं। राज्य सरकार लगभग 2000 नए गौ आश्रमों का निर्माण करेगी। सभी गौशालाएं सरकार द्वारा नहीं चलाई जाएंगी, बल्कि गैर सरकारी संगठन भी उनका संचालन करेंगे।
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गौ-कैबिनेट बनाने का उद्देश्य राज्य में 1200 विषम गौशालाओं के रखरखाव के लिए पर्याप्त धन उपलब्ध कराना और कम से कम 2400 गौशालाओं के सुचारू निर्माण की सुविधा प्रदान करना है। 'गोपाष्टमी' के मौके पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने निवास पर गौ-माता की पूजा-अर्चना की। इस दौरान ने उन्होंने गायों को चारा भी खिलाया। सीएम शिवराज ने कहा, गाय हमारी श्रद्धा और आस्था का केंद्र है। अगर कुपोषण को दूर करना है तो गाय का दूध अमृत का काम करता है। हमने अति कुपोषित बच्चों को गाय का दूध देने की व्यवस्था की है। गाय का दूध अमृत है ये मैं नहीं विज्ञान भी कहते है।
गाय के गोबर के उपयोग के बारे में बोलते हुए सीएम शिवराज ने कहा कि वन बचाने के लिए गौ कास्ट रामबाण साबित हो सकता है। गोबर के कंडे बनाकर जंगल बचाए जा सकते हैं, जबकि गौमूत्र से कीटनाशक कई दवाईयां बनती है। इससे कई बीमारियों की दवाएं भी बनती है। सीएम ने कहा कि वह एलोपैथिक दवाओं को नकार नहीं रहे हैं, लेकिन कई दवाओं का साइड इफेक्ट होता है। कीटनाशकों का जिस तरह से उपयोग हो रहा हैं और भोपाल यूनियन काबाईड की घटना को भूले नहीं है। कीटनाशक फलों व फसलों को अधिक विषाक्त करते हैं। उन्होंने कहा कि गौमूत्र के उपयोग से औषधि बनती है, इसके उपयोग से कोई भी साइड इफेक्ट नहीं होता है।