मध्य प्रदेश उपचुनाव: कांग्रेस को झटका, विधायक राहुल लोधी भाजपा में शामिल
भोपाल। मध्य प्रदेश उपचुनाव से पहले कांग्रेस के विधायक रहे प्रद्युम्न सिंह लोधी के भाजपा में जाने के बाद उनके छोटे भाई और दमोह के विधायक राहुल लोधी भी भाजपा में शामिल हो गए हैं। राहुल लोधी ने पहले प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा को अपना इस्तीफा सौंपा। इसके बाद रविवार सुबह सीएम शिवराज सिंह की उपस्थिति में भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। बता दें, पिछले महीने ही राहुल लोधी ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि परिस्थितियां कैसी भी आ जाएं, लेकिन वह किसी भी हालात में कांग्रेस का हाथ नहीं छोड़ेंगे।
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2003 में कांग्रेस का हाथ थामा था
राहुल लोधी ने साल 2003 में कांग्रेस का हाथ थामा था। तब से लेकर अब तक वह कांग्रेस के ही साथ थे। कांग्रेस ने उन्हें दमोह विधानसभा से अपना प्रत्याशी बनाया और उन्होंने भाजपा के गढ़ में सेंध लगाते हुए यह सीट हासिल की। राहुल लोधी हमेशा से यही कहते थे उनको कांग्रेस पार्टी ने विधायक बनाया है, वे कभी कांग्रेस का साथ नहीं छोड़ेंगे। वहीं, अब उपचुनाव से एक सप्ताह पहले उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया है।
भाजपा
पर
लगाया
था
विधायकों
की
खरीद-फरोख्त
का
आरोप
बीते महिला राहुल लोधी ने भाजपा पर विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाते हुए कहा था कि मेरे कांग्रेस से जाने का तो सवाल ही नहीं उठता। मेरे पास पहले भी कई बार ऑफर आया है, लेकिन मैं नहीं गया। राहुल ने कहा था कि कांग्रेस उन्हें राजनीति में लेकर आई है, इसलिए वह कांग्रेस के साथ ही रहेंगे। परिस्थिति कैसी भी आ जाए, वे कांग्रेस का साथ नहीं छोड़ेंगे।
भाजपा में शामिल होने के बाद क्या बोले राहुल लोधी?
भाजपा में शामिल होने के बाद राहुल ने कहा कि उन्होंने सबसे पहला वचन दमोह में मेडिकल कॉलेज खोले जाने का दिया था, लेकिन कमलनाथ ने 15 महीने में कुछ नहीं किया। विकास की तो बात ही नहीं की गई। वह तब भी अडिग थे और आज भी हैं। राहुल ने कहा कि छह महीने में भाजपा सरकार ने जिस तरह से विकास किया है, उसी को देखते हुए वह भाजपा में शामिल हुए हैं।
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