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चुनाव रिजल्ट आने से पहले ही CM शिवराज ने बुलाई कैबिनेट, लिया 800 करोड़ के कर्जे का फैसला

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भोपाल। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव की वोटिंग 28 नवंबर को हुई, 11 दिसंबर को नतीजे आएंगे। इसके बाद नई सरकार का गठन होगा। मगर, इससे पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 5 दिसंबर को कैबिनेट की बैठक बुला ली है। इस बैठक को लेकर कांग्रेस ने चुनाव आयोग से शिकायत की है। हैरत की बात तो यह है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में 800 करोड़ रुपए का कर्ज लेने का निर्णय भी हो गया। इसको लेकर कांग्रेस ने आपत्ति दर्ज कराई है।

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पौने दो लाख करोड़ रुपए का है कर्जा
बता दें कि, प्रदेश पर अभी तक करीब पौने दो लाख करोड़ रुपए का कर्जा है। सरकार की वित्तीय स्थिति ठीक नहीं है। इसको लेकर कर्ज लेने की तैयारी की जा रही है। बीजेपी की सरकार बनती है, तो कर्ज का भार बीजेपी उठाएगी और अगर कांग्रेस की सरकार बनती है तो कर्ज का भार कांग्रेस को उठाना पड़ेगा। जिस तरह के प्रदेश के वित्तीय हालात है इस स्थिति में नई सरकार के लिए सरकार चलाना चुनौतीपूर्ण होगा।

रिजर्व बैंक से 800 करोड़ के कर्ज पर बात
वित्तीय संकट से निपटने के लिए वित्त विभाग ने रिजर्व बैंक से 800 करोड़ का कर्ज लेने की अनुमति मांगी है। 10 साल के लिए लिया जा रहा यह कर्ज 8.44 प्रतिशत ब्याज पर होगा। दो दिन पहले राज्य सरकार ने इसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया हैं। वर्तमान में राज्य सरकार की आर्थिक स्थिति खराब है। चुनाव की वजह से लगातार राजस्व में कमी आई है। हालांकि केंद्र से जीएसटी के रूप में आने वाली राशि पिछले महीने ज्यादा आई है। फिर भी अभी चल रहे कई प्रोजेक्ट पर खर्चे के लिए यह कर्ज लिया जा रहा है।

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कांग्रेस की आपत्ति, बीजेपी का जवाब
कांग्रेस ने इस पर आपत्ति जताई है। कांग्रेस ने सवाल उठाते हुए कहा है कि आखिर ऐसी क्या जरूरत पड़ गई कि नया जनादेश आने से पहले सरकार को कर्ज लेना पड़ रहा है, क्या छह-सात दिन इंतजार नहीं किया जा सकता था। पौने दो लाख करोड़ का कर्ज तो पहले से है ही। कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग से भी इसकी शिकायत की है, क्योंकि इस समय आचार संहिता लागू है। जिस पर वित्त मंत्री जयंत मलैया जवाब देते हुए कहा है कि विकास के लिए कर्ज लिया जाना गलत नहीं है। राज्य सरकार विकास कार्यों के लिए कर्ज ले रही है। राज्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर यह कर्ज लिया जा रहा है।

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इसा साल 12500 करोड़ का कर्ज लजे चुकी है सरकार
बता दे कि इस वित्तीय वर्ष में 1 अप्रैल 2018 के बाद से अब तक राज्य सरकार 12,500 करोड़ रुपए का कजज़् ले चुकी है। अभी लिए जा रहे 800 करोड़ रुपए के कर्ज को मिलाकर राज्य में इस साल लिए जाने वाला कर्ज 13300 करोड़ रुपए हो जाएगा। जो आने वाली सरकार चुकाएगी।

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English summary
Madhya Pradesh Assembly Elections 2018 : Cm shivraj cabinet meeting
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