मेट्रो रेल के लिए तैयार है भोपाल और इंदौर, मध्य प्रदेश सरकार ने साइन किया MoU
भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल और इंदौर में मेट्रो दौड़ेगी। भोपाल और इंदौर में मेट्रो रेल के काम ने रफ्तार पकड़ ली है। भोपाल और इंदौर मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के लिए सोमवार को नई दिल्ली में भारत सरकार, मध्यप्रदेश सरकार और मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कार्पोरेशन के बीच एमओयू. साइन हुआ। केन्द्रीय शहरी और आवास मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी और प्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री जयवर्द्धन सिंह की उपस्थिति में मेट्रो रेल के लिए एमओयू. हुआ। प्रोजेक्ट केन्द्रीय मंत्री-मंडल द्वारा अनुमोदित किया जा चुका है।
भोपाल-इंदौर मेट्रो रेल के लिए तैयार
मध्य प्रदेश के दो महत्वपूर्ण शहर भोपाल और इंदौर में लोगों को मेट्रो रेल की सुविधा मिल जाएगी। इसके लिए काम तेजी से शुरू किया जाएगा। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री सिंह ने बताया कि भोपाल मेट्रो रेल प्रोजेक्ट में 27.87 किलोमीटर में दो कॉरिडोर बनेंगे। इसमें से एक कॉरिडोर करोंद सर्कल से एम्स तक का होगा , जो कि 14.99 किलोमीटर का होगा, जबकि दूसरा कॉरिडोर भदभदा चौराहे से रत्नागिरि चौराहा तक होगा, जिसका विस्तार 12.88 किलोमीटर का होगा। इस मेट्रो प्रोजेक्ट की कुल लागत 6941 करोड़ 40 लाख रुपए होगी। इंदौर मेट्रो रेल प्रोजेक्ट में 31.55 किलोमीटर की रिंग लाइन बनेगी। यह बंगाली चौराहा से विजयनगर, भँवर शाला, एयरपोर्ट होते हुए पलासिया तक जायेगी। इसकी कुल लागत 7500 करोड़ 80 लाख है।
MoU हुआ साइन
भोपाल और इंदौर मेट्रो रेल प्रोजेक्ट का क्रियान्वयन मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कार्पोरेशन द्वारा किया जाएगा। यह कंपनी अब भारत सरकार और मध्यप्रदेश सरकार की 50:50 ज्वाइंट वेंचर कंपनी में परिवर्तित होगी। इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए स्पेशल पर्पज व्हीकल (SPV) के रूप में कार्य करेगी। कंपनी का एक बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स होगा। इसमें 10 डायरेक्टर होंगे।इस बोर्ड ऑफ डायरेक्टर में भारत सरकार बोर्ड के चेयरमेन सहित 5 डायरेक्टर शामिल होंगे। प्रदेश सरकार मैनेजिंग डायरेक्टर सहित 5 डायरेक्टर नामित करेगी।
मप्र सरकार वहन करेगी भूमि अधिग्रहण, पुर्नस्थापन और पुनर्वास का खर्च
इस मेट्रो प्रोजेक्ट में मध्य प्रदेश सरकार भूमि अधिग्रहण, पुर्नस्थापन और पुनर्वास का पूरा खर्च वहन करेगी। भोपाल मेट्रो के लिए फंड जुटाने के लिए यूरोपियन इन्वेस्टमेंट बैंक और इंदौर मेट्रो के लिए एशियन डेव्हलपमेंट बैंक के साथ-साथ न्यू डेव्हलपमेंट बैंक से लोन भी लिया जाएगा। भारत सरकार इक्विटी शेयर केपिटल खरीदेगी, जिससे प्रोजेक्ट के लिये बहुपक्षीय और द्विपक्षीय लोन की सुविधा मिल जाएगी। मेट्रो प्रोजेक्ट में आने वाली कठिनाइयों के जल्द निराकरण के लिए प्रदेश सरकार द्वारा मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हाई पावर कमेटी बनाई जाएगी,जिसमें संबंधित विभागों के प्रमुख सचिव भी शामिल होंगे।
मेट्रो रेलवे देगी सुरक्षा का सर्टिफिकेट
मेट्रो के इस प्रोजेक्ट में सुरक्षा मानकों की मेट्रो रेल सेफ्टी डिपार्टमेंट की होगी। भारत सरकार प्रोजेक्ट के टेक्निकल स्टैण्डर्ड और स्पेसिफिकेशन्स को एप्रूव करेगी। सुरक्षा का सर्टिफिकेट मेट्रो रेलवे सेफ्टी के कमिश्नर देंगे। भोपाल और इंदौर मेट्रो रेल के लिए एमओयू के दौरान सचिव केन्द्रीय शहरी और आवास मंत्रालय श्री दुर्गाशंकर मिश्रा, अपर सचिव श्री संजय मूर्ति, मध्यप्रदेश के प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास और मैनेजिंग डायरेक्टर मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कार्पोरेशन श्री संजय दुबे, एडिशनल मैनेजिंग डायरेक्टर श्री स्वतंत्र कुमार सिंह, डायरेक्टर टेक्निकल श्री जितेन्द्र कुमार दुबे और जनरल मैनेजर श्री मनीष गंगारेकर उपस्थित थे।